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पंजाब सरकार की फरिश्ते योजना: सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद

पंजाब सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की त्वरित सहायता के लिए 'फरिश्ते योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी जान बचाई जा सके। सरकार ने 325 हाईटेक एंबुलेंस और 384 पंजीकृत अस्पतालों के माध्यम से इस योजना को लागू किया है। सड़क सुरक्षा फोर्स भी सक्रिय है, जो घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में मदद करती है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह सड़क दुर्घटनाओं में जान बचाने में सहायक है।
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पंजाब सरकार की फरिश्ते योजना: सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद

फरिश्ते योजना का उद्देश्य

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की सहायता के लिए 'फरिश्ते योजना' की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना के शिकार लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिले, जिससे उनकी जान बचाई जा सके। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, भारत में प्रतिदिन लगभग 1,400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से लगभग 400 लोग अपनी जान गंवाते हैं। पंजाब में हर साल लगभग 5,000 ऐसी घटनाएं होती हैं।


सड़क सुरक्षा फोर्स और एंबुलेंस

पंजाब में सड़क हादसों को रोकने के लिए 144 अत्याधुनिक वाहनों से लैस सड़क सुरक्षा फोर्स के 5,000 कर्मचारी सक्रिय हैं। फरिश्ते योजना के तहत घायलों की मदद करने वालों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है, जिसमें 2000 रुपये का नकद पुरस्कार भी शामिल है।


हाईटेक एंबुलेंस की तैनाती

सरकार ने 325 हाईटेक एंबुलेंस को सड़क पर उतारा है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और घायल व्यक्तियों के पास 15 से 20 मिनट में पहुंच जाती हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर घायल को तुरंत चिकित्सा मिले, ताकि उनकी जान बचाई जा सके।


पंजीकृत अस्पतालों की संख्या

फरिश्ते योजना के तहत, पूरे पंजाब में 384 से अधिक निजी और सरकारी अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है, जहां घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। सड़क सुरक्षा फोर्स ने कई घायलों की जान बचाई है और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया है। (ADVERTORIAL)