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पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति में महत्वपूर्ण बदलाव

पंजाब सरकार ने अपनी लैंड पूलिंग नीति में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जो किसानों के हितों की रक्षा और शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दी गई। नए नियमों के तहत किसानों को बेहतर विकसित प्लॉट मिलेंगे, जिससे उनकी भूमि की मूल्य वृद्धि में भी योगदान होगा। यह कदम राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति में महत्वपूर्ण बदलाव

लैंड पूलिंग नीति में संशोधन

पंजाब सरकार ने शहरी विकास को बढ़ावा देने और किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपनी लैंड पूलिंग नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन संशोधनों को मंजूरी दी गई, जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और किसानों को अपनी भूमि के बदले अधिक लाभकारी हिस्सेदारी मिल सकेगी।


लैंड पूलिंग नीति एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न छोटे भूखंडों के मालिक, मुख्यतः किसान, अपनी भूमि को एकत्रित करके सरकार या विकास प्राधिकरण को सौंपते हैं। इसके बदले, प्राधिकरण उस एकीकृत भूमि पर मास्टर प्लान के अनुसार विकास करता है और विकसित भूखंडों का एक हिस्सा मूल भूस्वामियों को वापस करता है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यवस्थित शहरी विकास करना और किसानों को उनकी अविकसित भूमि के बदले विकसित प्लॉट का लाभ देना है।


पहले की नीतियों में कुछ कमियां थीं, जिससे किसानों को उनका उचित हक पाने में देरी होती थी या प्रक्रिया जटिल थी। नए संशोधनों का उद्देश्य इन्हीं कमियों को दूर करना है।


नए संशोधनों से किसानों को कई लाभ मिलेंगे। संशोधित नीति में उन्हें उनकी दी गई भूमि के बदले अधिक और बेहतर विकसित आवासीय या व्यावसायिक प्लॉट मिलेंगे, जिससे उनकी भूमि की भविष्य की मूल्य वृद्धि में सीधा योगदान होगा।


इसके अलावा, नीति को अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाया गया है, जिससे भूमि अधिग्रहण और विकास प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा। इससे शहरीकरण की परियोजनाएं तेजी से पूरी होंगी।


नई नीति में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया गया है, ताकि किसानों के साथ कोई अन्याय न हो और प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ये संशोधन किसानों के हित में हैं और इसका उद्देश्य राज्य के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह कदम पंजाब के शहरीकरण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।