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फिलीपींस में भारतीय हथियारों की मांग में वृद्धि, अमेरिका को झटका

फिलीपींस ने भारतीय हथियारों की खरीद बढ़ाने का निर्णय लिया है, खासकर ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की। जनरल रोमियो ब्राउनर ने भारतीय सैन्य उपकरणों की गुणवत्ता और कीमतों की सराहना की है। इस बदलाव से अमेरिका की बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ सकता है, क्योंकि फिलीपींस अब भारतीय हथियारों को प्राथमिकता दे रहा है। जानें इस नई स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।
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भारतीय हथियारों का प्रभाव

भारतीय सैन्य उपकरणों के प्रभावी प्रदर्शन ने फिलीपींस में हलचल पैदा कर दी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत, भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की चीनी निर्मित वायु रक्षा प्रणाली निष्क्रिय हो गई। इस घटना के बाद, फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने भारत से और अधिक सैन्य उपकरण खरीदने का निर्णय लिया है।


जनरल ब्राउनर ने भारतीय नौसेना के टैंकर 'आईएनएस शक्ति (ए-57)' पर एक साक्षात्कार में कहा, "हम भारत से और सैन्य उपकरण और हथियार मंगवा रहे हैं।" उन्होंने भारतीय हथियारों की उच्च गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों की सराहना की, जो फिलीपींस के लिए आकर्षक हैं।


फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली की दो और बैटरियों की खरीद की योजना बनाई है। पहली खेप अप्रैल 2024 में प्राप्त हुई थी। प्रत्येक बैटरी में तीन से छह लॉन्चर और अन्य आवश्यक वाहन शामिल हैं।


अमेरिका का हथियार बाजार में प्रभाव


अमेरिका फिलीपींस का सबसे पुराना हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है। लेकिन अगर फिलीपींस भारत से रडार, ड्रोन और वायु रक्षा प्रणालियाँ खरीदता है, तो अमेरिका की बाजार हिस्सेदारी में कमी आ सकती है। भारत 'तेजस' लड़ाकू विमान और 'प्रचंड' हेलीकॉप्टर भी प्रदान कर सकता है।


फिलीपींस के अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय हथियारों की गुणवत्ता उच्च है और कीमतें कम हैं, जबकि अमेरिकी हथियार महंगे और रखरखाव में कठिन होते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी हथियारों की खरीद में कई शर्तें होती हैं, जिससे कई देश अब अमेरिका से हथियार खरीदने से हिचकिचा रहे हैं। यदि भारत एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरता है, तो यह अमेरिकी रक्षा नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।