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बंबई उच्च न्यायालय ने जियो ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक लगाई

बंबई उच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 'जियो' ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक लगाते हुए एक कंपनी को आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि अनधिकृत उपयोग से ब्रांड की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हो सकता है। इस निर्णय के पीछे आरआईएल का दावा है कि वह 'जियो' का पंजीकृत मालिक है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के आदेश के प्रभाव।
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बंबई उच्च न्यायालय ने जियो ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक लगाई

जियो ट्रेडमार्क का उपयोग रोकने का आदेश

बंबई उच्च न्यायालय ने एक कंपनी को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के स्वामित्व वाले 'जियो' ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोकने का आदेश दिया है। अदालत ने अंतरिम आदेश में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटजेआईओसीएबीएसडॉटकॉम डोमेन नाम के तहत प्रदान की जा रही टैक्सी सेवाओं के लिए जियो ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक लगाई है।


न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की पीठ ने मंगलवार को कहा कि आरआईएल ने पहले ही एक मजबूत मामला प्रस्तुत किया है। अनधिकृत उपयोग से इस प्रसिद्ध डिजिटल और मोबाइल सेवा ब्रांड की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हो सकता है।


अदालत ने यह भी कहा कि एक प्रसिद्ध और संरक्षित ब्रांड नाम का उपयोग उसके मालिक को गंभीर हानि पहुंचा सकता है। यह आदेश आरआईएल द्वारा दायर याचिका पर दिया गया, जिसमें यह दावा किया गया था कि वह 'जियो' ब्रांड का पंजीकृत मालिक है।


इस कंपनी ने तर्क दिया कि 'जियोकैब्स' चिह्न और संबंधित डोमेन नाम का उपयोग ट्रेडमार्क उल्लंघन और 'पासिंग ऑफ' के समान है। पीठ ने कहा कि आरआईएल के कानूनी नोटिस के बाद प्रतिवादी कंपनियों ने नए नाम के तहत सेवाएं देना शुरू कर दिया, लेकिन डोमेन नाम डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटजेआईओसीएबीएसडॉटकॉम अब भी सक्रिय है।


अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि इसलिए निषेधाज्ञा के माध्यम से अंतरिम आदेश उचित है, जिसमें प्रतिवादी को जियो ट्रेडमार्क, विवादित डोमेन नाम, या रिलायंस के ट्रेडमार्क या कॉपीराइट सामग्री के समान या भ्रामक रूप से मिलते-जुलते किसी भी 'लोगो', लेबल या कलाकृति का उपयोग करने से रोका गया है।