बाढ़ के बाद फसलों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों के सुझाव

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के सुझाव
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञों ने हाल ही में आई बाढ़ के बाद फसलों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। हाल की भारी बारिश के कारण पंजाब में कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। हालांकि, जिनकी फसलें बची हैं, वे कुछ उपायों के माध्यम से अपने नुकसान को कम कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले खेतों से अतिरिक्त पानी को निकालना आवश्यक है। यदि पानी खेतों में जमा रहता है, तो यह फसलों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
खेतों से पानी निकालने के उपाय
खेतों में भरे पानी को निकालने के लिए, आप सतह पर नालियां बना सकते हैं या पंपिंग सेट का उपयोग कर सकते हैं। खेत की मेड़ों को थोड़ी तोड़कर पानी को बाहर निकालने में मदद करें। मुख्य नालियों को साफ रखें ताकि पानी का बहाव बाधित न हो।
बासमती धान की देखभाल
बासमती धान की फसल को सुरक्षित रखने के लिए, यदि पानी भरने से पत्ते पीले हो रहे हैं, तो यह नाइट्रोजन की कमी का संकेत है। इसे दूर करने के लिए 100 लीटर पानी में 3 किलो यूरिया मिलाकर छिड़काव करें।
फसल में जिंक की कमी के लक्षण दिखने पर जिंक सल्फेट का स्प्रे करना न भूलें।
मक्का की फसल की देखभाल
मक्के की फसल को जलभराव से बचाने के लिए खेत के निचले हिस्से में गहरी नाली बनाएं। यदि पौधों में गलने के लक्षण दिखें, तो उन्हें तुरंत उखाड़कर नष्ट करें।
कपास की फसल की सुरक्षा
कपास की फसल को बचाने के लिए, बारिश का पानी तुरंत निकालें। पोषक तत्वों की कमी से फूलों को गिरने से रोकने के लिए 2% पोटेशियम नाइट्रेट का चार बार छिड़काव करें।
गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के खतरे को कम करने के लिए खेत की नियमित निगरानी करें।