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बिजली मंत्री ने मसौदा विधेयक पर सांसदों के साथ की चर्चा

बिजली मंत्री मनोहर लाल ने संसद सदस्यों के साथ मसौदा बिजली (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने भाग लिया। इस दौरान, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शनों का भी जिक्र हुआ। मंत्री ने विधेयक के उद्देश्यों और प्रावधानों पर प्रकाश डाला, जबकि एआईपीईएफ ने सब्सिडी समाप्त होने की आशंका जताई। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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मसौदा बिजली विधेयक पर बैठक

बिजली मंत्री मनोहर लाल ने मसौदा बिजली (संशोधन) विधेयक के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करने के लिए संसद सदस्यों की एक समिति के साथ बैठक आयोजित की। यह जानकारी शनिवार को एक सरकारी बयान में दी गई।


सांसदों की भागीदारी

बिजली मंत्रालय ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा के विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने बृहस्पतिवार को इस बैठक में भाग लिया। मंत्री ने मसौदा बिजली (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रस्तावों पर सदस्यों से सलाह लेने के लिए यह बैठक बुलाई थी।


विरोध प्रदर्शनों का संदर्भ

यह सलाह-मशविरा ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शनों के बीच हुआ, जिसने 23 दिसंबर को विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।


हड़ताल का आह्वान

संगठन ने उसी दिन देशभर में हड़ताल का भी आह्वान किया है, जिसमें केंद्रीय मजदूर संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के साथ मिलकर नए श्रम कानूनों का विरोध किया जाएगा और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की जाएगी।


विधेयक का उद्देश्य

बिजली मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि बिजली (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य भारत के बिजली क्षेत्र की विधायी नींव को मजबूत करना है।


प्रावधानों पर जोर

लाल ने बताया कि विधेयक में ऐसे प्रावधान शामिल किए गए हैं जो लागत के अनुरूप शुल्क को अनिवार्य करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि निजीकरण और लागत में वृद्धि के बारे में चिंताओं का कोई आधार नहीं है।


उपभोक्ताओं की सुरक्षा

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए उचित नियामकीय और नीतिगत उपाय किए जाएंगे कि उपभोक्ताओं या कर्मचारियों के किसी भी वर्ग पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने आरोप लगाया कि ये संशोधन किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी को समाप्त कर देंगे, जिससे बिजली की लागत बढ़ जाएगी।