बिहार में वोटर लिस्ट रिव्यू: एन्यूमरेशन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि

बिहार में वोटर लिस्ट की समीक्षा
बिहार वोटर लिस्ट रिव्यू: बिहार में वोटर लिस्ट की समीक्षा को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है। विपक्ष के सवालों के बाद अब सत्ताधारी पक्ष ने भी चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, चुनाव आयोग के सूत्रों से एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि 25 जुलाई 2025 तक मसौदा निर्वाचक नामावली में नाम जोड़ने के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म भरकर जमा करना आवश्यक होगा।
पलायन और दिवंगत व्यक्तियों का नाम हटाना
चुनाव आयोग के अनुसार, यह प्रक्रिया इसलिए की जा रही है ताकि पलायन कर चुके और जिनका निधन हो चुका है, उनके नाम संबंधित विधानसभा की सूची से हटाए जा सकें। इसके साथ ही, ऐसे व्यक्तियों को भी हटाने में मदद मिलेगी जो उस विधानसभा क्षेत्र के सामान्य निवासी नहीं हैं।
2 अगस्त के बाद आपत्तियों की प्रक्रिया
2 अगस्त के बाद आपत्तियां कर सकेंगे राजनीतिक दल
एन्यूमरेशन फॉर्म प्राप्त करने के बाद, संबंधित दस्तावेजों के आधार पर मसौदा मतदाता सूची में शामिल प्रत्येक नाम की पात्रता की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया 2 अगस्त को मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद और भी सघन होगी। जब मसौदा सूची जारी होगी, तब राजनीतिक दल और आम जनता दावे और आपत्तियां प्रस्तुत कर सकेंगे। चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में समावेशन और आपत्तियों के दो सिद्धांतों पर कार्य कर रहा है।
कार्य की सख्ती से निगरानी
सख्ती से पूरा हो रहा काम
विपक्षी दल पलायन किए गए श्रमिकों के मुद्दे पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि आयोग के इस निर्णय से बड़ी संख्या में मतदाता चुनाव में मतदान से वंचित रह जाएंगे। हालांकि, चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की समीक्षा को लेकर आश्वस्त है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि लगभग 1 लाख प्रशिक्षित बीएलओ और स्वयंसेवक इस कार्य में लगे हुए हैं। इसके अलावा, स्थानीय चुनाव आयुक्त पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा।