बेंगलुरु में महिला इंटर्न के साथ लैंगिक भेदभाव का मामला वायरल

बेंगलुरु में महिला इंटर्न का अनुभव
कर्नाटका समाचार: भारत के सिलिकॉन वैली के रूप में मशहूर बेंगलुरु में एक महिला की कहानी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने एक स्टार्टअप में UX डिजाइन इंटर्न के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन यह नौकरी उनके लिए एक बुरे सपने में बदल गई। Reddit पर @akclone द्वारा साझा की गई इस कहानी में उन्होंने कंपनी के सीईओ द्वारा किए गए अनुचित और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार का खुलासा किया है।
महिला ने अपनी मास्टर डिग्री के अंतिम वर्ष में बेंगलुरु में कदम रखा और एक स्टार्टअप में UX डिजाइनर की भूमिका मिलने पर बेहद खुश थीं। उन्हें सीईओ के साथ काम करने का अवसर मिला, जो उनके लिए एक सुनहरा मौका था। लेकिन यह अवसर जल्द ही उनके लिए दुख का कारण बन गया। सीईओ ने सार्वजनिक रूप से उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाते हुए अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जैसे, "क्या तुम काम करने आई हो या अपने प्रेमी के साथ मस्ती करने?" उन्होंने यह भी कहा कि इंटर्न ने कोई वास्तविक काम नहीं किया। इस अपमान के बावजूद, महिला ने हिम्मत नहीं हारी और एक और मौका मांगा। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें पूर्णकालिक नौकरी मिल गई।
बढ़ता उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव
नौकरी मिलने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। जब उन्होंने कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए घर से काम करने की अनुमति मांगी, तो सीईओ ने न केवल मना किया, बल्कि पूरी टीम के सामने उन पर चिल्ला दिया और कंपनी की समस्याओं का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया। महिला ने बताया कि सीईओ अक्सर केवल महिलाओं को निशाना बनाते थे और उन्हें अपमानित करते रहते थे। एक और चौंकाने वाला वाकया तब हुआ जब लैंगिकवादी चुटकुलों से बचने के लिए वह टीम से अलग बैठी थीं। सीईओ ने उनसे पूछा, "क्या तुम पोर्न देख रही हो?" यह टिप्पणी उन्हें स्तब्ध कर गई।
करियर पर सवाल और नौकरी छोड़ने का निर्णय
जब उन्होंने अपने मूल्यांकन के बारे में पूछा, तो सीईओ ने कहा कि अब उनकी डिजाइनर के रूप में जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "तुम्हें तभी रहने दिया जाएगा, अगर तुम बिजनेस ला सको। तुम बढ़ने के लिए नहीं बनी हो।" इस अपमान ने उनकी हिम्मत तोड़ दी। अंततः, महिला ने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें आजादी का एहसास हुआ, लेकिन इस अनुभव ने उनके आत्मविश्वास को बुरी तरह प्रभावित किया। उन्हें अपनी योग्यता को फिर से साबित करने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर समर्थन
महिला की कहानी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। एक यूजर ने टिप्पणी की कि "कोई भी इस तरह के अपमान का हकदार नहीं है, चाहे आप सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले हों या सबसे खराब। यह शर्म की बात है।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "मैंने सोचा कि यह एक और EY की कहानी है, भगवान का शुक्र है कि ऐसा नहीं हुआ।"