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बैंक लॉकर के नियम: जानें किराया, बीमा और उपयोग की शर्तें

बैंक लॉकर एक सुरक्षित विकल्प है, जिसमें आप अपने कीमती सामान को सुरक्षित रख सकते हैं। इस लेख में, हम बैंक लॉकर के किराए, बीमा, उपयोग की शर्तें और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करेंगे। जानें कि लॉकर लेने के लिए क्या आवश्यक है और कैसे आप अपनी वस्तुओं को सुरक्षित रख सकते हैं।
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बैंक लॉकर के नियम: जानें किराया, बीमा और उपयोग की शर्तें

बैंक लॉकर की सुरक्षा

बैंक लॉकर एक सुरक्षित विकल्प है, जिसे बैंक अपने ग्राहकों को किराए पर उपलब्ध कराता है। इसमें लोग अपने कीमती सामान जैसे गहने, नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज, वसीयत, एंटीक वस्तुएं या अन्य मूल्यवान चीजें सुरक्षित रख सकते हैं। यह लॉकर चोरी, आग या अन्य आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। लॉकर का उपयोग केवल बैंक के कार्य समय में किया जा सकता है, और हर विजिट का रिकॉर्ड रखा जाता है।


लॉकर का किराया और डिपॉजिट

लॉकर का किराया और डिपॉजिट

लॉकर का वार्षिक किराया उसके आकार और बैंक की स्थिति पर निर्भर करता है।

  • छोटे लॉकर का किराया गांवों या कस्बों में ₹1,000 से शुरू हो सकता है।

  • बड़े लॉकर का किराया मेट्रो शहरों में ₹10,000 या उससे अधिक हो सकता है।

  • इसके अलावा, बैंक सुरक्षा के लिए एक निश्चित डिपॉजिट रखने की भी मांग कर सकता है।


बैंक खाता आवश्यक

बैंक खाता आवश्यक

लॉकर लेने के लिए आपको उसी बैंक में एक सेविंग या करंट अकाउंट होना आवश्यक है। लॉकर आपके उसी खाते से जुड़ा होता है।


लॉकर में वस्तुओं का बीमा

लॉकर में वस्तुओं का बीमा

बैंक केवल लॉकर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है, लेकिन लॉकर के अंदर रखी वस्तुओं का कोई बीमा अपने आप नहीं होता। यदि बैंक की लापरवाही नहीं है, तो नुकसान की भरपाई भी बैंक नहीं करेगा।


बीमा कैसे प्राप्त करें?

बीमा कैसे प्राप्त करें?

अब कई बैंक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनियों के माध्यम से लॉकर में रखी वस्तुओं का बीमा करवा रहे हैं। यदि आप सोना, चांदी या एंटीक सामान लॉकर में रख रहे हैं, तो बीमा कराना एक समझदारी भरा कदम होगा।


लॉकर उपयोग के नियम

लॉकर उपयोग के नियम

  • लॉकर का उपयोग केवल बैंक के कार्य समय में किया जा सकता है।

  • हर बार लॉकर खोलने की एंट्री बैंक रिकॉर्ड साइन या बायोमेट्रिक के माध्यम से की जाती है।


संयुक्त लॉकर और नामिनी

संयुक्त लॉकर और नामिनी

आप लॉकर को किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर (संयुक्त रूप से) भी ले सकते हैं। इसके अलावा, एक उत्तराधिकारी (नामिनी) भी नियुक्त किया जा सकता है, ताकि आपकी मृत्यु के बाद लॉकर की वस्तुएं उसे मिल सकें।


मृत्यु के बाद की प्रक्रिया

मृत्यु के बाद की प्रक्रिया

यदि लॉकर धारक की मृत्यु हो जाती है, तो नामिनी को आवश्यक दस्तावेज दिखाने पर लॉकर की वस्तुएं दी जा सकती हैं।


आरबीआई के नए नियम (2021)

आरबीआई के नए नियम (2021)

अब सभी ग्राहकों को एक मानक अनुबंध पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। और लॉकर धारक को कम से कम हर 5 साल में एक बार लॉकर का दौरा करना आवश्यक है। यदि आप अपनी कीमती चीजों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो बैंक लॉकर एक उत्कृष्ट विकल्प है। बस किराया, बीमा और बैंक के नियमों का ध्यान रखें।