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बैंकों ने रेपो रेट में कटौती के बाद एफडी दरों में किया बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद, बैंकों ने अपनी एफडी दरों में भी बदलाव किया है। भारतीय स्टेट बैंक और अन्य प्रमुख बैंकों ने ब्याज दरों को घटाया है। जानें कि यह आपके निवेश पर कैसे असर डाल सकता है और पांच साल में एफडी पर मिलने वाले रिटर्न के बारे में। क्या यह आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप है? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
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बैंकों ने रेपो रेट में कटौती के बाद एफडी दरों में किया बदलाव

रेपो रेट में कमी का प्रभाव


रेपो रेट में कटौती: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट को 5.5% तक घटाया है, जिसके परिणामस्वरूप बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। इस कटौती का असर एफडी की दरों पर भी पड़ा है।


रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है। जब यह दर कम होती है, तो उधारकर्ताओं के लिए यह फायदेमंद होता है, लेकिन इससे एफडी और बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज में कमी आती है।


भारतीय स्टेट बैंक की नई दरें

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जो देश का सबसे बड़ा बैंक है, ने एक से दो साल की अवधि के लिए अपनी एफडी दर को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है। इसी तरह, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एक्सिस बैंक और अन्य बैंकों ने भी एक साल की अवधि के लिए ₹3 करोड़ तक की जमा राशि पर अपनी एफडी दर को घटाकर 6.25% कर दिया है।


पांच साल की एफडी के लिए, SBI 6.05% की ब्याज दर दे रहा है, जबकि एचडीएफसी बैंक 6.4% का रिटर्न प्रदान कर रहा है। अन्य बैंक भी इसी रेंज में रिटर्न दे रहे हैं। इसलिए, जो निवेशक एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एफडी से मिलने वाला रिटर्न उनके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप है।


पांच साल में एफडी पर रिटर्न

मान लीजिए, आपने एचडीएफसी में पांच साल के लिए ₹5 लाख की एफडी की है। एचडीएफसी 6.4% ब्याज दर पर ₹5,00,000 पर रिटर्न दे रहा है। इस अवधि में आपको ₹1,86,823 का ब्याज मिलेगा, जिससे कुल राशि ₹6,86,823 हो जाएगी।


हालांकि एफडी से मिलने वाला रिटर्न बहुत आकर्षक नहीं हो सकता, लेकिन यह निवेश पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये सुरक्षित होते हैं, जिससे लोग इनमें निवेश करना पसंद करते हैं। एफडी पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं होता, इसलिए यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो जोखिम नहीं लेना चाहते। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं या निश्चित आय की तलाश में हैं।