ब्रिटेन के पीएम की भारत यात्रा: व्यापारिक संबंधों में नई शुरुआत

ब्रिटेन के पीएम की पहली भारत यात्रा
ब्रिटेन के पीएम की भारत यात्रा का महत्व
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर आज अपनी पहली यात्रा पर भारत पहुंच रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य अमेरिका के टैरिफ के प्रभावों का सामना करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए साझा नीतियों पर चर्चा की जाएगी। इस मुलाकात में भारत-ब्रिटेन के व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन
गुरुवार को, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी के केंद्रीय स्तंभ के रूप में व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में व्यवसायों और उद्योग के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा, मोदी और स्टार्मर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा करेंगे।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भागीदारी
दोनों नेता जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) के छठे संस्करण में भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में नवप्रवर्तकों, नीति निर्माताओं, और उद्योग के नेताओं को एकत्रित किया जाएगा। सम्मेलन का मुख्य विषय 'बेहतर दुनिया के लिए वित्त को सशक्त बनाना' है, जो प्रौद्योगिकी और मानव दृष्टिकोण के माध्यम से एक नैतिक और टिकाऊ वित्तीय भविष्य को आकार देने पर केंद्रित है।
पीएम मोदी की जुलाई में की गई घोषणा
जुलाई में, पीएम मोदी ने इंग्लैंड यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की बात की थी। उन्होंने 2030 तक निर्यात को 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें ब्रिटेन एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार होगा। पीएम मोदी ने इसे केवल आर्थिक साझेदारी नहीं, बल्कि साझा समृद्धि की योजना बताया।
भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, सी फूड और इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में बेहतर पहुंच मिलेगी। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में हर साल 4.8 अरब पाउंड (6.5 अरब डॉलर) का योगदान होगा।