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ब्लैक बॉक्स: विमान दुर्घटनाओं में जानकारियों का सुरक्षित भंडार

गुजरात में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना के बाद, ब्लैक बॉक्स की खोज की जा रही है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह कैसे दुर्घटनाओं के दौरान महत्वपूर्ण जानकारियों को सुरक्षित रखता है। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है, इसके प्रकार, और यह क्यों नष्ट नहीं होता। इसके अलावा, हम इसके रंग के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।
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ब्लैक बॉक्स: विमान दुर्घटनाओं में जानकारियों का सुरक्षित भंडार

फ्लाइट क्रैश के बाद ब्लैक बॉक्स का महत्व


फ्लाइट क्रैश के बाद जानिए ब्लैक बॉक्स का महत्व
गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में एक विमान दुर्घटना हुई, जिसमें 242 यात्री शामिल थे। यह विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। जांच एजेंसियां अब इस विमान के ब्लैक बॉक्स की खोज कर रही हैं, जिससे दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। आइए जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह दुर्घटना के बाद नष्ट क्यों नहीं होता।


ब्लैक बॉक्स की कार्यप्रणाली

ब्लैक बॉक्स एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो उड़ान के दौरान विमान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को रिकॉर्ड करता है। दुर्घटना के बाद, जांच एजेंसियां इसी डिवाइस की मदद से हादसे के कारणों का पता लगाती हैं।


ब्लैक बॉक्स के प्रकार

विमान में दो प्रमुख प्रकार के ब्लैक बॉक्स होते हैं: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन प्रदर्शन, ऑटो-पायलट स्थिति, और रडार सिस्टम जैसी लगभग 25,000 तकनीकी जानकारियों को रिकॉर्ड करता है। वहीं, कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर पायलट और सह-पायलट के बीच बातचीत, कॉकपिट के अलार्म, और नियंत्रण टॉवर से संवाद को रिकॉर्ड करता है।


दुर्घटना की जांच में सहायता

जब कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो जांच एजेंसियों की प्राथमिकता ब्लैक बॉक्स को खोजना होता है। इसकी रिकॉर्डिंग से कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं, जैसे कि पायलट ने दुर्घटना से पहले क्या कहा और क्या निर्णय लिए। यह तकनीकी खराबी, मानव त्रुटि या बाहरी कारणों की पुष्टि में मदद करता है।


ब्लैक बॉक्स की सुरक्षा

ब्लैक बॉक्स को विशेष क्रैश प्रूफ तकनीक से बनाया जाता है, जो इसे 1100 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान और 3400 जी तक के झटके सहन करने में सक्षम बनाता है। यह 30 दिनों तक पानी में डूबे रहने पर भी डेटा को सुरक्षित रख सकता है। इसमें एक अंडरवाटर लोकेटर बीकन भी होता है, जो पानी में गिरने पर सिग्नल भेजता है।


ब्लैक बॉक्स का रंग

दिलचस्प बात यह है कि ब्लैक बॉक्स का असली रंग नारंगी होता है, ताकि दुर्घटना के बाद इसे मलबे में आसानी से खोजा जा सके। इसे 'ब्लैक बॉक्स' केवल नाम के लिए कहा जाता है।