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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में देरी: सहमति की कमी

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में सहमति की कमी के कारण वार्ता टलने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और आगे क्या हो सकता है।
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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में देरी: सहमति की कमी

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में बाधा


कई दौर की वार्ता के बावजूद सहमति नहीं बन पाई


भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में एक नई समस्या सामने आई है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि वार्ता टल सकती है। दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है। इस कारण वार्ता अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होती दिखाई दे रही है।


इस बार अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को भारत आकर वार्ता करनी थी, जो 25 से 29 अगस्त के बीच निर्धारित थी। लेकिन अब यह वार्ता टलने की संभावना है। अमेरिका कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों और पशुपालकों के हितों से समझौता नहीं करेगा.


मोदी-ट्रंप की मुलाकात और व्यापार का भविष्य

फरवरी में हुई थी मोदी-ट्रंप की मुलाकात


फरवरी में वॉशिंगटन डीसी में हुई मुलाकात में, ट्रंप और मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अमेरिका की मांगों के कारण यह व्यापार समझौता प्रभावित हो रहा है। अमेरिका चाहता है कि उसके डेयरी उत्पाद जैसे दूध और पनीर भारत में आयात किए जा सकें। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, इस पर सहमत नहीं है, क्योंकि इससे भारतीय किसानों को नुकसान होगा।


भारत के उद्योग मंत्री की प्रतिक्रिया

यह बोले थे भारत के उद्योग मंत्री


केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में संसद में कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है। उन्होंने बताया कि कई दौर की वार्ता के बाद कुछ शर्तों पर सहमति नहीं बन पाई है। गोयल ने यह भी कहा कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।


उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों और उद्योगों के साथ बातचीत कर रहा है और इस मुद्दे पर जानकारी एकत्र कर रहा है। सरकार किसानों, मजदूरों और उद्यमियों के कल्याण को प्राथमिकता देती है।