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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में नई दिशा: पीयूष गोयल का अमेरिका दौरा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में नई गति देखने को मिल रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे, जहां वे उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ताओं का नेतृत्व करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना और टैरिफ विवाद का समाधान खोजना है। हाल की वार्ताओं में सकारात्मकता देखने को मिली है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद जगी है।
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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में नई दिशा: पीयूष गोयल का अमेरिका दौरा

भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में नई गति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे, जहां वे उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ताओं का नेतृत्व करेंगे। इस दौरान, विशेष रूप से ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्कों और प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर चर्चा की जाएगी।


आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में कदम

भारत सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गोयल का यह दौरा दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के दिनों में टैरिफ विवाद ने तनाव बढ़ाया था, लेकिन कूटनीतिक संवाद के बढ़ने से अब बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ती दिख रही है। इस दौरे में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को शीघ्र और लाभकारी तरीके से अंतिम रूप देने पर जोर दिया जाएगा।


हालिया वार्ताओं से मिली सकारात्मकता

सकारात्मक वार्ताएं


पिछले बुधवार को अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और भारत के समकक्ष राजेश अग्रवाल के बीच नई दिल्ली में एक लंबी बैठक हुई थी। इस चर्चा के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने जल्द समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई। यह संकेत है कि दोनों देश अब लाभकारी समाधान की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।


ट्रंप प्रशासन के टैरिफ विवाद

टैरिफ विवाद का इतिहास


अगस्त में अमेरिका ने भारत पर 25% का पारस्परिक टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हुआ। इसके बाद 27 अगस्त को रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% दंडात्मक शुल्क भी लगाया गया, जिससे कुल दर 50% हो गई। इस निर्णय के बाद भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया था। लेकिन अब कूटनीतिक स्तर पर बातचीत में तेजी आने से माहौल बदलता नजर आ रहा है।


भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों की राय


विशेषज्ञों का मानना है कि पीयूष गोयल का यह दौरा व्यापारिक संबंधों में नई ऊर्जा भर सकता है। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास बहाल हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे से न केवल टैरिफ विवाद का समाधान निकलेगा, बल्कि निवेश, निर्यात और नई साझेदारियों के लिए भी रास्ते खुलेंगे।