भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर नई स्थिति: अमेरिका का निर्णय महत्वपूर्ण

अमेरिका का निर्णय: व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ना
भारत ने अपना रुख स्पष्ट किया, अब अमेरिका का निर्णय आवश्यक
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की नवीनतम जानकारी: अमेरिका ने कई प्रमुख देशों के खिलाफ नई टैरिफ दरों के लिए दी गई मियाद समाप्त कर दी है। अब अमेरिका यह तय कर रहा है कि किस देश पर कितनी दर से नया टैरिफ लागू किया जाएगा। इस संदर्भ में कई देशों को पत्र भेजे गए हैं, जिनमें जापान और कोरिया शामिल हैं, लेकिन भारत का नाम अभी तक इस सूची में नहीं है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर 9 जुलाई से पहले हस्ताक्षर होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच पहले चरण की बातचीत पूरी हो चुकी है, और अब अमेरिका को अंतिम निर्णय लेना है। उन्होंने बताया कि यह व्यापार समझौता वैश्विक बाजार को एक मजबूत संदेश देने में सहायक होगा।
भारत का लक्ष्य: द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के 25 दिन बाद वाशिंगटन का दौरा किया था, जहां दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति जताई थी। पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस समझौते पर काम ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही चल रहा है। अमेरिका एकमात्र प्रमुख साझेदार है जिसके साथ भारत ने अभी तक कोई व्यापार समझौता नहीं किया है।
अमेरिका ने अन्य देशों को भेजे नोटिस
अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में श्रीलंका, अल्जीरिया, ब्रुनेई, इराक, लीबिया, मोल्दोवा और फिलीपीन को 30% तक टैरिफ के लिए पत्र भेजे हैं। इससे पहले, ट्रंप ने 14 देशों को भी इसी संदर्भ में पत्र भेजे थे। हालांकि, 21 देशों को भेजे गए टैरिफ पत्रों में भारत का नाम नहीं है। यदि अमेरिका नई टैरिफ दरें लागू करता है, तो भारतीय निर्यातकों को अनुमानित 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।