भारत-अमेरिका व्यापारिक तनाव: ट्रंप ने फिर से बढ़ाए आयात शुल्क

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से उभर आया है। 30 जुलाई को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित विभिन्न वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने इस निर्णय के पीछे भारत की 'उच्च व्यापार बाधाओं' और रूस के साथ उसके बढ़ते रक्षा संबंधों को जिम्मेदार ठहराया है.
भारत की व्यापार नीतियों पर ट्रंप की आलोचना
इससे पहले भी, ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है। उन्होंने भारत को 'टैरिफ किंग' कहा और आरोप लगाया कि यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक आयात शुल्क लगाने वाला देश है। ट्रंप का कहना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अनुचित कर और गैर-शुल्क बाधाएं लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है.
अमेरिका के उच्च टैरिफ का आंकड़ा
हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका भी कुछ क्षेत्रों में उच्च टैरिफ लागू करता है। विशेष रूप से कृषि उत्पादों पर अमेरिकी नीति काफी सख्त मानी जाती है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका कुछ तंबाकू उत्पादों पर 350%, डेयरी पर 200% और कई खाद्य उत्पादों पर 130% तक टैरिफ लगाने का अधिकार रखता है.
नए अमेरिकी शुल्क का प्रभाव
1 अगस्त से लागू होने वाले नए अमेरिकी शुल्क भारत की ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, गहनों, कपड़ों और खाद्य उत्पादों पर लागू होंगे, जबकि बेस टैरिफ 25% है। कुछ अतिरिक्त शुल्क भारत के रूस के साथ रक्षा और ऊर्जा सहयोग के कारण भी लगाए जा सकते हैं, लेकिन इनकी शर्तें अभी स्पष्ट नहीं हैं.
भारत की जीडीपी पर संभावित प्रभाव
भारत के आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये शुल्क लंबे समय तक लागू रहते हैं, तो अगले वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी पर 0.2% से 0.5% तक का असर पड़ सकता है। खासकर रत्न एवं आभूषण और वस्त्र जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में इसका प्रभाव गहरा हो सकता है.
टैरिफ किंग की बहस का पुनरुत्थान
'टैरिफ किंग' की बहस फिर से चर्चा में है। ट्रंप ने यह शब्द पहले कार्यकाल में इस्तेमाल किया था, लेकिन 2025 में इस पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है। WTO के 2024 के टैरिफ प्रोफाइल के अनुसार, भारत का औसत MFN टैरिफ 15.9% है, जबकि अमेरिका का केवल 3.4% है.
भारत का व्यापार घाटा
2024 में अमेरिका ने भारत से लगभग 87.4 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जबकि निर्यात केवल 41.7 अरब डॉलर का रहा। इससे 45.7 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ, जो वाशिंगटन में राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों का भविष्य
अमेरिका द्वारा नए शुल्क लगाए जाने और रूस से भारत के संबंधों पर उठाए गए सवाल, भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को नया मोड़ दे सकते हैं, जिसका असर आने वाले महीनों में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है.