भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की वार्ता में सकारात्मकता

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ी
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में नई उम्मीदें: वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका ने अगस्त में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद व्यापार वार्ता को रोक दिया था। अमेरिका का आरोप था कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस वार्ता को फिर से आगे बढ़ाने का संकेत दिया है। इस समय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा कर रहा है, जिसका नेतृत्व ब्रेंडन लिंच कर रहे हैं।
वाणिज्य मंत्रालय का बयान
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा सकारात्मक रही है। मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने इस समझौते को शीघ्रता से अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है, जिससे यह दोनों के लिए लाभकारी हो सके। भारत की ओर से बातचीत का नेतृत्व विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया, जबकि अमेरिकी टीम का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच ने किया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल सोमवार को नई दिल्ली पहुंचा और मंगलवार को व्यापार संबंधों पर चर्चा की।
समझौते की आवश्यकता
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि यह वार्ता आगे की रणनीति तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देना है।
अमेरिका की शर्तें
दिल्ली-इंडो-यूएस स्मॉल बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गोयल ने कहा कि बातचीत बहुत सकारात्मक माहौल में हुई। अमेरिकी पक्ष कृषि और अन्य मुद्दों पर रियायतें चाहता था। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ इसलिए लगाया था क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा था। उन्होंने कहा कि बातचीत एक अच्छी शुरुआत है और गतिरोध खत्म होने का संकेत है।