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भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर ट्रंप का बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की बात की है। उन्होंने साउथ कोरिया में आयोजित एपेक असियान समिट में कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है और जल्द ही एक समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने का दावा भी किया। जानें इस संबंध में और क्या कहा गया है और भारत ने किस तरह से अमेरिका के टैरिफ का जवाब दिया है।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर ट्रंप का बयान

भारत और अमेरिका के रिश्तों की मजबूती


भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर ट्रंप का बयान


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं और भविष्य में दोनों देश एक मजबूत व्यापारिक साझेदार बनेंगे। ट्रंप ने यह बात साउथ कोरिया में आयोजित एपेक असियान समिट के दौरान कही। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है और जल्द ही एक व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर होंगे।


भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने की कोशिश

ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने का दावा किया। उन्होंने कहा कि जब दोनों देश संघर्ष में थे, तब उन्होंने दोनों से युद्ध रोकने की अपील की थी, लेकिन दोनों ने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने दोनों देशों पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी दी, जिसके बाद दोनों ने फोन पर बात की और सीजफायर पर सहमति जताई।


भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास

फरवरी 2025 में ट्रंप और मोदी की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने 2030 तक आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन जून में ट्रंप के बयान के बाद स्थिति बदल गई। ट्रंप के इस बयान के बाद पाकिस्तान ने उनका धन्यवाद किया, जबकि भारत ने उनकी भूमिका को नकार दिया। इस पर ट्रंप नाराज हो गए और व्यापारिक संबंधों में खटास आ गई।


भारत पर टैरिफ की घोषणा

जुलाई में ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसे बाद में बढ़ाकर 50% कर दिया। उन्होंने इसका कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात को बताया, जिससे रूस को वित्तीय सहायता मिल रही है।


भारत का दृढ़ रुख

भारत ने अमेरिका के टैरिफ को अनुचित बताते हुए किसी भी दबाव में न आने की बात कही। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करेगा और सभी व्यापारिक डील को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए।