भारत और ओमान के बीच नया मुक्त व्यापार समझौता: आर्थिक सहयोग को मिलेगी नई दिशा
भारत-ओमान के बीच ऐतिहासिक एफटीए पर हस्ताक्षर
भारत और ओमान ने अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता गुरुवार को मस्कट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न हुआ और इसे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
प्रत्यक्ष लाभ की संभावना
यह समझौता अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही से लागू होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के व्यापारियों और उद्योगों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। इस एफटीए के अंतर्गत ओमान भारत से होने वाले 98 प्रतिशत से अधिक निर्यात पर आयात शुल्क समाप्त करेगा। इससे भारतीय वस्त्र, कृषि उत्पाद, चमड़े के सामान, रत्न और आभूषण, जूते, खेल सामग्री, फर्नीचर, प्लास्टिक, इंजीनियरिंग उत्पाद, दवाइयां, मेडिकल उपकरण और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
विशेष रूप से, श्रम-प्रधान उद्योगों को इस समझौते के माध्यम से लगभग पूर्ण शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान की गई है। कुल मिलाकर 97.96 प्रतिशत उत्पाद श्रेणियों पर तुरंत टैरिफ खत्म करने का प्रावधान है, जिससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि होगी।
भारत का आयात शुल्क में राहत
भारत ने ओमान से आयात होने वाले कई महत्वपूर्ण उत्पादों पर शुल्क में राहत देने का निर्णय लिया है, जिसमें खजूर, संगमरमर, पेट्रोकेमिकल्स और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। भारत अपनी कुल टैरिफ लाइनों में से लगभग 77.79 प्रतिशत पर शुल्क में उदारीकरण करेगा, जो मूल्य के अनुसार ओमान से भारत में होने वाले लगभग 94.81 प्रतिशत आयात को कवर करता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को मजबूत करने की उम्मीद है।
नए बाजारों की खोज
यह समझौता ऐसे समय में आया है जब भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में उच्च टैरिफ जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ओमान के साथ यह एफटीए भारत के लिए वैकल्पिक और भरोसेमंद बाजारों के विस्तार का एक नया रास्ता खोल सकता है।
सेवाक्षेत्र में अवसर
समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू सेवाक्षेत्र से संबंधित है। इसके तहत ओमान के प्रमुख सेवा क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को वाणिज्यिक उपस्थिति के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी जाएगी। इससे आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवा उद्योगों से जुड़ी भारतीय कंपनियों के लिए खाड़ी क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
ओमान पहले से ही भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार रहा है और इसे मध्य पूर्व और अफ्रीका के बाजारों तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार माना जाता है। इस मुक्त व्यापार समझौते के माध्यम से भारत और ओमान न केवल आपसी व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को भी मजबूत करेंगे।
