भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: निर्यातकों के लिए नई संभावनाएं
भारत और ओमान के बीच महत्वपूर्ण व्यापार समझौता
नई दिल्ली: अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव के बीच, भारत के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। भारत ने ओमान के साथ एक महत्वपूर्ण फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमति जताई है, जिससे भारतीय निर्यातकों को लाभ होगा। इस समझौते को समग्र आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है। यह पश्चिम एशिया में भारत का दूसरा बड़ा व्यापारिक समझौता है, इससे पहले भारत ने यूएई के साथ भी ऐसा ही एक करार किया था।
इस समझौते के तहत, भारत की लगभग 98 प्रतिशत निर्यात योग्य वस्तुएं ओमान में बिना किसी आयात शुल्क के बेची जा सकेंगी। इसका अर्थ यह है कि भारतीय उत्पाद ओमान में सस्ते होंगे, जिससे उनकी मांग में वृद्धि होगी। इसके बदले, भारत ओमान से आने वाले लगभग 77 प्रतिशत उत्पादों पर आयात शुल्क हटाने के लिए सहमत हुआ है। हालांकि, कृषि, दुग्ध उत्पाद, तेल और गैस जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को इस छूट से बाहर रखा गया है।
जीरो ड्यूटी की सुविधा किन उत्पादों पर मिलेगी?
ओमान से आने वाले खजूर, मार्बल और कुछ पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर जीरो ड्यूटी की सुविधा दी जाएगी, लेकिन यह सुविधा सीमित मात्रा तक ही रहेगी। यह प्रावधान दोनों देशों के हितों को संतुलित रखने के लिए किया गया है।
वर्तमान में ओमान में लगभग 85 प्रतिशत उत्पादों पर 5 से 6 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगती है, जबकि कुछ खाद्य वस्तुओं पर 100 प्रतिशत तक टैक्स है। साल 2026 की पहली तिमाही से इन अतिरिक्त शुल्कों में कटौती की उम्मीद है।
भारत का ओमान के साथ व्यापार
वित्त वर्ष 2025 में, भारत ने ओमान को 4.1 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि ओमान से 6.6 अरब डॉलर का आयात किया गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापार की बड़ी संभावनाएं हैं। सीईपीए लागू होने के बाद यह व्यापार और तेजी से बढ़ सकता है।
समझौते के लाभ
इस समझौते से न केवल वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि सेवाओं और रोजगार के अवसरों में भी सुधार होगा। वीजा नियमों में ढील से भारतीय पेशेवरों को ओमान में काम करने के नए अवसर मिलेंगे। आयुष क्षेत्र के लिए भी ओमान का बाजार खुलने से भारतीय आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी है कि ओमान भारतीय दवाओं की मंजूरी प्रक्रिया को तेज करेगा। इसके साथ ही, भारत के हलाल और ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट को मान्यता दी जाएगी।
