भारत और कतर के बीच एफटीए वार्ता का समापन जल्द

भारत की व्यापार नीति में बदलाव
बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की नई व्यापार रणनीति
कहा जाता है कि कठिन समय केवल चुनौतियाँ ही नहीं, बल्कि नए अवसर भी लाता है। भारत वर्तमान में इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के बावजूद, भारत ने अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इससे भारत के लिए नए व्यापारिक अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
भारत और कतर के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता जल्द ही समाप्त होने वाली है। दोनों पक्षों के बीच अगले महीने की शुरुआत में प्रस्तावित एफटीए के लिए शर्तों पर निर्णय लेने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अक्टूबर के पहले सप्ताह में कतर की यात्रा कर सकते हैं।
भारत के महत्वपूर्ण व्यापार समझौते
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई महत्वपूर्ण व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
इनमें 2021 में भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता, 2022 में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता, और 2024 में भारत-यूरोपीय ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता शामिल हैं। भारत-यूके का व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता 2025 में हस्ताक्षरित हुआ है। यह सभी समझौते अभी लागू होना बाकी हैं।
अन्य व्यापार समझौतों पर बातचीत
इस बीच, भारत कई अन्य समझौतों के लिए भी बातचीत कर रहा है, जिनमें भारत-यूरोपीय संघ एफटीए, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता, और भारत-श्रीलंका आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता शामिल हैं। हाल ही में भारत और ओमान के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत संपन्न हुई है।
भारत और इजरायल के बीच नया समझौता
भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए हाल ही में नई दिल्ली में द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके इजरायली समकक्ष बेजालेल स्मोट्रिच ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अप्रैल 2000 से जून 2025 के बीच भारत को इजराइल से 337.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है।