भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: जानें इसके फायदे

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का परिचय
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की जानकारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लंदन पहुंचे हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा के दौरान, वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और सम्राट किंग चार्ल्स से मुलाकात करेंगे। लंदन में मोदी और स्टार्मर के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर चर्चा की जाएगी। इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। आइए जानते हैं कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या है और इसके तहत भारत को ब्रिटेन के साथ समझौता करने से क्या लाभ होगा?
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ऐसा समझौता है, जिसके अंतर्गत शामिल देश एक-दूसरे के व्यापार को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए आयात-निर्यात पर लगने वाले टैरिफ और अन्य बाधाओं को कम किया जाता है या समाप्त किया जाता है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच व्यापार को सरल बनाना, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बाजारों में एक-दूसरे की पहुंच को बेहतर करना है। FTA के अंतर्गत, कस्टम ड्यूटी को कम किया जाता है या पूरी तरह से हटा दिया जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटती हैं।
भारत के साथ किन देशों के FTA हैं?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट द्विपक्षीय हो सकता है, जिसमें केवल दो देश शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, भारत और जापान के बीच CEPA समझौता हुआ है। इसके अलावा, यह बहुपक्षीय भी हो सकता है, जिसमें कई देश शामिल होते हैं, जैसे कि ASEAN देशों और भारत के बीच FTA। भारत ने जापान, कोरिया और श्रीलंका के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन किए हैं। हाल ही में, भारत ने UAE, ऑस्ट्रेलिया और EFTA (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन) के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे व्यापार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।