Newzfatafatlogo

भारत का 2026-27 का बजट: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐतिहासिक कदम

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को भारत का 2026-27 का बजट पेश करने जा रही हैं। यह कदम 2017 के बाद से चली आ रही परंपरा का पालन करते हुए वित्तीय क्रियान्वयन को तेजी से आरंभ करने के लिए है। इस लेख में बजट पेश करने की प्रक्रिया, इसके महत्व और पिछले बदलावों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कि कैसे यह बजट संसद को समय पर मंजूरी देने में मदद करेगा और वित्तीय चक्र को सुचारू बनाएगा।
 | 
भारत का 2026-27 का बजट: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐतिहासिक कदम

बजट पेश करने की तैयारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार, 1 फरवरी को भारत का आम बजट 2026-27 प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने बताया है कि यह दिन असामान्य होने के बावजूद 2017 के बाद से चली आ रही परंपरा का पालन है। यह निर्णय नए वित्तीय वर्ष में राजकोषीय क्रियान्वयन को तेजी से आरंभ करने के प्रयासों के अनुरूप है। 2017 से हर साल केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है, ताकि अप्रैल 1 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष से पहले संसद को बजट की गहन समीक्षा और पारित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।


बजट का महत्व

2026 में, यह बजट रविवार को प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे यह सप्ताहांत में आएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि संसदीय परंपराओं में सप्ताह के दिन की बजाय तारीख को प्राथमिकता दी जाती है। इसका तर्क यह है कि बजट को जल्दी पेश करने से वित्तीय चक्र के पहले दिन से ही निधि आवंटन सुनिश्चित होता है और किसी भी बाधा से बचा जा सकता है।


बजट प्रक्रिया में बदलाव

2017 से पहले, बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस पर पेश किया जाता था, जिसके बाद भारत के समेकित कोष से प्रारंभिक खर्चों को पूरा करने के लिए "अधिसूचित मतदान" होता था। स्थायी समितियों द्वारा विभागीय मांगों का विश्लेषण करने के बाद पूर्ण अनुमोदन होता था, जो अक्सर नए साल तक खिंच जाता था। लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए इसे 1 फरवरी को कर दिया। इससे संसद को मार्च के अंत तक पूर्ण बजट को मंजूरी देने का अवसर मिला, जिससे शासन व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया और मंत्रालयों तथा बाजारों के लिए अनिश्चितता कम हुई।