भारत का अमेरिका निर्यात लगातार तीसरे महीने गिरा: टैरिफ का प्रभाव

भारतीय निर्यात में गिरावट का कारण
नए टैरिफ के चलते निर्यात में कमी
भारत से अमेरिका को निर्यात में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो अब तीसरे महीने में प्रवेश कर चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत-रूस व्यापार संबंधों का हवाला देते हुए अगस्त में 50 प्रतिशत टैरिफ लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी बाजार से दूरी बना ली। इस कारण अगस्त में निर्यात 6.7 अरब डॉलर तक गिर गया, जो जुलाई की तुलना में 16.3 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। यह 2025 में सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।
गिरावट की शुरुआत
भारत के निर्यात में गिरावट का सिलसिला जून से शुरू हुआ। मई में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, जो निर्यात को 8.8 अरब डॉलर तक ले गई, जून में यह 5.7 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर रह गया। जुलाई में भी निर्यात में कमी आई, जो 3.6 प्रतिशत घटकर 8.0 अरब डॉलर रह गई। अगस्त में आई गिरावट ने निर्यातकों पर और अधिक दबाव डाला।
अगस्त में गिरावट का कारण
टैरिफ पहले 25 प्रतिशत तक बढ़े और फिर तीन हफ्तों के भीतर 50 प्रतिशत तक पहुंच गए, जिससे निर्यातकों के पास खुद को समायोजित करने का समय नहीं मिला। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर में और भी गिरावट की संभावना है, क्योंकि यह पहला महीना होगा जब निर्यात 50 प्रतिशत की दर के प्रभाव में होगा।
भारत की अर्थव्यवस्था की संभावनाएं
हालांकि भारतीय निर्यात में कमी आई है, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को आश्वासन दिया कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में भारत का प्रदर्शन मजबूत है और कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर चर्चा चल रही है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।