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भारत का निर्यात: चीन को 20% की वृद्धि के साथ 5.76 अरब डॉलर का आंकड़ा

भारत ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच चीन को 5.76 अरब डॉलर का माल निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है। इस सफलता में पेट्रोलियम और कृषि उत्पादों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक प्रमुख सप्लायर बनता जा रहा है। जानें इस ऐतिहासिक वृद्धि के पीछे की कहानी और भारत के निर्यात के नए आयाम।
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भारत का निर्यात: चीन को 20% की वृद्धि के साथ 5.76 अरब डॉलर का आंकड़ा

भारत के निर्यात में ऐतिहासिक वृद्धि

जब अमेरिका अपने व्यापारिक दबाव और टैरिफ युद्ध के माध्यम से भारत को झुकाने की कोशिश कर रहा था, तब भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच, भारत का चीन को माल निर्यात 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5.76 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह देखकर चीन के राजदूत भी गर्व से आंकड़े साझा करने लगे।


भारत के निर्यात की सफलता की कहानी

भारत ने अप्रैल से जुलाई के बीच चीन को 5.76 अरब डॉलर का माल निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। पेट्रोलियम का उत्पादन दोगुना होकर 883 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि ईयू को निर्यात में 202.7% की वृद्धि के साथ 521 मिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लिया। कृषि उत्पादों में भी वृद्धि देखी गई, जैसे कि तेल खली में 2656.1%, चावल में 1383.3%, और तिलहन में 1791.7% की वृद्धि।


भारत का ऊर्जा क्षेत्र

हाल के समय में, भारत ने न केवल अपनी रिफाइनरी क्षमता को बढ़ाया है, बल्कि यह साबित किया है कि वह केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक बड़ा सप्लायर भी है। इस बार, पेट्रोलियम निर्यात 883 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। चीन जैसे बड़े औद्योगिक देश के लिए भारत का तेल प्राप्त करना केवल व्यापारिक सफलता नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है।


भारत का कृषि क्षेत्र

भारत धीरे-धीरे एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। मोबाइल पार्ट्स, कंपोनेंट और स्मार्ट डिवाइस का निर्यात यह दर्शाता है कि भारत अब मेड इन इंडिया उत्पादों को चीन तक पहुंचा रहा है। इसके अलावा, भारत की कृषि उत्पादों की ताकत भी स्पष्ट है। इस बार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, जैसे कि तेल खली में 2656.1%, चावल में 1383.3%, और तिलहन में 1791.7% की वृद्धि।