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भारत का वस्त्र निर्यात: 111 देशों में वृद्धि और मजबूती

भारत का वस्त्र और परिधान निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 111 देशों में 10% की वृद्धि के साथ मजबूत बना हुआ है। इस दौरान 8,489.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। प्रमुख बाजारों में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है, जबकि रेडीमेड गारमेंट्स और जूट उत्पादों ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, अमेरिका जैसे कुछ बड़े बाजारों में चुनौतियां बनी हुई हैं। जानें इस वृद्धि के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।
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भारत का वस्त्र निर्यात: 111 देशों में वृद्धि और मजबूती

भारत का वस्त्र निर्यात: एक नई ऊंचाई

नई दिल्ली: वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत का वस्त्र और परिधान निर्यात लगातार मजबूत बना हुआ है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में, भारत ने 111 देशों को वस्त्र निर्यात में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इस दौरान कुल 8,489.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 7,718.55 मिलियन डॉलर थी। इस प्रकार, 770.3 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त आय हुई।


कुल मिलाकर, वस्त्र, परिधान और मेड-अप निर्यात में 0.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई। हस्तशिल्प निर्यात को मिलाकर यह आंकड़ा और भी मजबूत नजर आता है। प्रमुख बाजारों में संयुक्त अरब अमीरात (14.5 प्रतिशत), ब्रिटेन (1.5 प्रतिशत), जापान (19.0 प्रतिशत), जर्मनी (2.9 प्रतिशत), स्पेन (9.0 प्रतिशत) और फ्रांस (9.2 प्रतिशत) ने अच्छी वृद्धि दिखाई। इसके अलावा, मिस्र (27 प्रतिशत), सऊदी अरब (12.5 प्रतिशत) और हांगकांग (69 प्रतिशत) जैसे बाजारों में भी तेज उछाल देखने को मिला।


इस वृद्धि के पीछे मुख्य योगदान रेडीमेड गारमेंट्स (3.42 प्रतिशत) और जूट उत्पादों (5.56 प्रतिशत) का रहा। आंकड़े यह दर्शाते हैं कि वैश्विक मंदी और टैरिफ बाधाओं के बावजूद, भारतीय वस्त्र उद्योग लचीला और प्रतिस्पर्धी बना हुआ है। सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' योजनाओं ने निर्यात को नई दिशा दी है। अब भारत केवल बड़े देशों पर निर्भर नहीं है, बल्कि छोटे और बड़े 111 बाजारों तक पहुंच बनाकर विविधता और स्थिरता हासिल कर चुका है।


वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह सफलता मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता सुधार और नए बाजारों की खोज का परिणाम है। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय कपड़ा कंपनियां अब डिजाइन, ब्रांडिंग और टिकाऊ उत्पादों पर जोर दे रही हैं, जिससे विदेशी खरीदारों का ध्यान आकर्षित हो रहा है।


हालांकि, अमेरिका जैसे कुछ बड़े बाजारों में चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। फिर भी, कुल मिलाकर निर्यात का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में त्योहारी सीजन और नए व्यापार समझौतों से और तेजी आएगी। यह प्रदर्शन न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि लाखों कारीगरों और श्रमिकों को रोजगार भी प्रदान कर रहा है। भारत अब वैश्विक वस्त्र बाजार में एक विश्वसनीय नाम बनता जा रहा है।