भारत का व्यापार घाटा जुलाई में बढ़ा, निर्यात में हुई वृद्धि

निर्यात में वृद्धि के बावजूद व्यापार घाटा बढ़ा
निर्यात में 7.29 प्रतिशत की वृद्धि, आयात में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि
हाल ही में भारत ने जुलाई में निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की, लेकिन इसके बावजूद व्यापार घाटा बढ़कर 64.59 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अच्छी बात यह है कि जुलाई में निर्यात में वृद्धि हुई, जबकि इससे पहले मई और जून में निर्यात में गिरावट आई थी। हालाँकि, आयात भी उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़ गया।
जुलाई में आयात और निर्यात का आंकड़ा
जुलाई में भारत का निर्यात 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले दो महीनों की गिरावट के बाद एक सकारात्मक संकेत है। इस बीच, व्यापार घाटा बढ़कर 27.35 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में आयात 8.6 प्रतिशत बढ़कर 64.59 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह व्यापार घाटा पिछले वर्ष नवंबर के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 31.77 अरब अमेरिकी डॉलर था। अप्रैल से जुलाई 2025-26 के दौरान निर्यात 3.07 प्रतिशत बढ़कर 149.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि आयात 5.36 प्रतिशत बढ़कर 244.01 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
मुद्रास्फीति में कमी
जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 1.55 प्रतिशत पर पहुँच गई, जो पिछले 8 वर्षों में सबसे कम है। इस सकारात्मक विकास ने घरेलू शेयर बाजारों में भी उत्साह बढ़ाया। बीएसई सेंसेक्स 304.32 अंक या 0.38 प्रतिशत बढ़कर 80,539.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 448.15 अंक या 0.55 प्रतिशत बढ़कर 80,683.74 अंक तक पहुँच गया। एनएसई निफ्टी भी 131.95 अंक या 0.54 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24,619.35 पर पहुँच गया।