भारत का शराब उद्योग 2025-26 में सुधार की उम्मीद

शराब उद्योग की स्थिति
भारत का शराब उद्योग पिछले वित्तीय वर्ष में आई चुनौतियों के बाद 2025-26 में सुधार की उम्मीद कर रहा है। सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि घरेलू आर्थिक माहौल अब सामान्य हो चुका है, जिससे वर्तमान वित्तीय वर्ष में सुधार की संभावना है। पिछले वित्तीय वर्ष में शहरी क्षेत्रों में शराब की खपत में कमी आई थी।
शहरी खपत में कमी
रिपोर्ट के अनुसार, शहरी खपत में कमी का असर अन्य श्रेणियों की तुलना में अधिक स्पष्ट था, क्योंकि शराब का उपभोग मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में होता है।
बाजार में व्यवधान
सुला वाइनयार्ड्स के संस्थापक और सीईओ राजीव सामंत ने बताया कि शराब की मांग कई अस्थायी नियामकीय और बाजार में व्यवधानों से प्रभावित हुई, जिसमें आम चुनाव और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख बाजारों के विधानसभा चुनाव शामिल हैं।
आगे की उम्मीदें
उन्होंने कहा, "तीन वर्षों की मजबूत वृद्धि के बाद, 2024-25 भारतीय शराब उद्योग के लिए मांग को फिर से स्थापित करने का वर्ष था।" सामंत ने आगे कहा, "लेकिन अच्छी खबर यह है कि ये झटके अब पीछे छूट चुके हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में हम सामान्य आर्थिक माहौल की उम्मीद कर रहे हैं।"
सुला का परिचालन राजस्व
हालांकि, शराब उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों के बावजूद, सुला ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 619.4 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया। सामंत ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, "हमने अपनी अग्रणी स्थिति को मजबूती से बनाए रखा है। हम देश का सबसे बड़ा शराब ब्रांड हैं।"