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भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र: नवाचार और डिज़ाइन में उभरता केंद्र

भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपनी पहचान को मजबूत किया है, न केवल 'बैकएंड असेंबलर' के रूप में, बल्कि एक नवाचार और डिज़ाइन केंद्र के रूप में भी। सिंगापुर के साथ सहयोग और समझौते इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दर्शाते हैं। जानें कैसे ये साझेदारियां भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
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भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र: नवाचार और डिज़ाइन में उभरता केंद्र

भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग

भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अपनी पहचान केवल 'बैकएंड असेंबलर' के रूप में नहीं बनाई है, बल्कि यह भविष्य में 'डिजाइन' और नवाचार के केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। सिंगापुर मैन्युफैक्चरिंग फेडरेशन (एसएमएफ) के अध्यक्ष लेनन टैन ने एक पुस्तक में लिखा है कि 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' के तहत घोषित रणनीतिक परियोजनाएं 'डिजाइन' से लेकर निर्माण तक अपनी पूरी क्षमता स्थापित करने का स्पष्ट इरादा दर्शाती हैं।


सिंगापुर-भारत सहयोग

टैन की टिप्पणियां 'भारत-सिंगापुर साझेदारी के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न' नामक 112 पृष्ठ की 'कॉफी टेबल बुक' में प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने कहा, 'स्वीकृत निवेश और पहले से ही उत्पादन में लगे प्रारंभिक स्तर के संयंत्र मजबूत गति को दर्शाते हैं। यह देखकर खुशी होती है कि भारत खुद को न केवल एक 'बैकएंड असेंबलर' के रूप में, बल्कि भविष्य में 'डिजाइन' और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।'


टैन ने सिंगापुर में सेमीकंडक्टर उद्योग के मजबूत आधार और संयुक्त कौशल विकास, उपकरणों की सुव्यवस्थित आवाजाही, तथा चिप डिजाइन में अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 'यह एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण की दिशा में व्यावहारिक कदम हैं।'


एसएमएफ में 5000 से अधिक कंपनी सदस्यों के प्रमुख टैन ने कहा कि सिंगापुर और भारत दोनों ही सेमीकंडक्टर क्षेत्र के महत्व को समझते हैं और इसके अनुरूप ही दोनों देशों के बीच सहयोग विकसित हो रहा है।


समझौता ज्ञापन और निवेश

एसएमएफ एक संयोजक के रूप में कार्य करता है, जो तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक जैसे भारतीय राज्यों के साथ व्यापारिक मिशन और संयुक्त उद्यमों को सुविधाजनक बनाता है। सिंगापुर और भारत ने सेमीकंडक्टर उद्योग और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।


भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन देने के साथ-साथ सिंगापुर के सेमीकंडक्टर कंपनियों के परिवेश और संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं को तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में भाग लेने में सुविधा प्रदान करने के लिए सितंबर 2024 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।


डीबीएस ग्रुप के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीयूष गुप्ता ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र से भारत का सबसे बड़ा निवेशक बना हुआ है, जिसने पिछले 25 वर्ष में संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में लगभग 174.88 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है, जो देश में कुल प्रवाह का लगभग 24 प्रतिशत है।


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'यह गलियारा भारत के लिए आसियान और व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रवेश द्वार का काम करता है।' सिंगापुर स्थित सन मीडिया द्वारा प्रकाशित और एसएमएफ तथा सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग के सहयोग से प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन भारतीय राजदूत शिल्पक अंबुले और एसएमएफ अध्यक्ष टैन ने संयुक्त रूप से किया। यह विमोचन भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों के तहत किया गया।