भारत का स्वदेशी UAV रुद्रास्त्र: सुरक्षा में नया आयाम

स्वदेशी UAV रुद्रास्त्र का महत्व
भारत की सैन्य और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए स्वदेशी UAV रुद्रास्त्र का परीक्षण एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारतीय सेना के लिए एक संभावित गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इस परीक्षण में रुद्रास्त्र की तकनीकी क्षमताओं को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया। यह न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, विशेषकर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भविष्य में इसे भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है, जिससे भारत की ड्रोन तकनीक को और मजबूती मिलेगी.
स्वदेशी UAV रुद्रास्त्र की विशेषताएँ
स्वदेशी UAV रुद्रास्त्र एक हाइब्रिड वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) ड्रोन है, जिसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इसका सफल परीक्षण हाल ही में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में किया गया। यह UAV निगरानी के साथ-साथ दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने में सक्षम है.
सीमावर्ती क्षेत्रों में, जैसे भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर, यह UAV भारतीय सेना के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। रुद्रास्त्र भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास का एक उदाहरण है, जो विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह ड्रोन न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि दुश्मन के मनोबल को भी कमजोर करेगा.
विशेषताएँ:
- रुद्रास्त्र वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग में सक्षम है, और इसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालित किया जा सकता है।
- इसकी मिशन रेंज 50+ किलोमीटर और मारक क्षमता 170+ किलोमीटर है। यह 1.5 घंटे तक हवा में रह सकता है।
- यह UAV सटीक निशाना लगाने में सक्षम है, जो इसे युद्धक और निगरानी अभियानों के लिए उपयोगी बनाता है।
- रुद्रास्त्र वास्तविक समय में वीडियो फीड प्रदान करता है, जिससे निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्र करने में मदद मिलती है।
- इसका डिजाइन, निर्माण और तकनीक पूरी तरह से भारतीय है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देता है।