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भारत की अर्थव्यवस्था: एनके सिंह ने निवेश के अवसरों पर की चर्चा

एनके सिंह, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, ने भारत की अर्थव्यवस्था के विकास और निवेश के अवसरों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत का अप्रयुक्त घरेलू बाजार निवेश के लिए अपार संभावनाएं प्रदान करता है। जीएसटी सुधारों के प्रभाव और जीडीपी ग्रोथ को बनाए रखने की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और कैसे भारत चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
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भारत की अर्थव्यवस्था: एनके सिंह ने निवेश के अवसरों पर की चर्चा

भारत की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी


अप्रयुक्त घरेलू बाजार में निवेश की अपार संभावनाएं


भारत वर्तमान में कुछ चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन एनके सिंह, जो 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष हैं, का कहना है कि देश इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, जहां कई सकारात्मक कारक एक साथ काम कर रहे हैं, जो हमें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएंगे।


सिंह ने यह भी कहा कि भारत का बड़ा और अब तक अप्रयुक्त घरेलू बाजार निवेश के लिए कई संभावनाएं प्रदान करता है। प्रति व्यक्ति आय में सालाना 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि से निजी निवेश, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, विदेशी निवेश और आंतरिक संसाधनों को जुटाने के लिए अनुकूल अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।


जीएसटी सुधारों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

सिंह ने आगे कहा कि जीएसटी दरों में कमी से सरकार को वित्तीय मोर्चे पर अधिक लचीलापन मिला है। इससे आम लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई है, व्यापार करने में आसानी में सुधार हुआ है और जनता को राहत मिली है। यह भारत के नागरिकों की जीत है, जहां वे अपेक्षाकृत कम कर दरों का भुगतान कर रहे हैं और निवेश व कारोबारी माहौल में सुधार देख रहे हैं। त्योहारी सीजन में लोग खरीदारी कर रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिल रहा है।


जीडीपी ग्रोथ को बनाए रखना आवश्यक

सिंह ने भारत की ऐतिहासिक विकास दर का उल्लेख करते हुए कहा कि कई दशकों तक देश की औसत वास्तविक विकास दर लगभग 3.5% रही है। हाल के वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है और आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि यदि हम विपरीत परिस्थितियों में भी 6.5 प्रतिशत की दर से विकास कर रहे हैं, तो यह एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रति व्यक्ति जीडीपी वृद्धि दर को 7.5% से अधिक बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।


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