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भारत की अर्थव्यवस्था की तेजी से बढ़ती रफ्तार: हार्वर्ड के अर्थशास्त्री का विश्लेषण

हार्वर्ड के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन ने भारत की जीडीपी वृद्धि पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट साझा की है, जिसमें बताया गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। ग्राफ के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने कोरोना महामारी के बाद अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है और भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में क्या भविष्यवाणियाँ की गई हैं।
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भारत की अर्थव्यवस्था की तेजी से बढ़ती रफ्तार: हार्वर्ड के अर्थशास्त्री का विश्लेषण

भारत की जीडीपी वृद्धि पर हार्वर्ड के अर्थशास्त्री का दृष्टिकोण

नई दिल्ली: हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन ने 2025 की तीसरी तिमाही में भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के जीडीपी प्रदर्शन पर जानकारी साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ग्राफ पोस्ट किया, जिसमें भारत, रूस, चीन और अमेरिका जैसे देशों के कोरोना महामारी के बाद के जीडीपी प्रदर्शन को दर्शाया गया है।


इस ग्राफ से स्पष्ट होता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है। वहीं, अन्य प्रतिस्पर्धी देशों जैसे रूस, अमेरिका, चीन और यूरो क्षेत्र ने महामारी के बाद अपने जीडीपी प्रदर्शन में सुधार नहीं किया है। भारत की जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर के अनुमान के साथ 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।


वर्तमान वित्तीय वर्ष की जून तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था ने सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है। इस वृद्धि में मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार, निजी निवेश में वृद्धि, उपभोक्ता विश्वास में सुधार, वेतन वृद्धि और मजबूत कृषि उत्पादन से ग्रामीण मांग में वृद्धि भी इस वृद्धि के प्रमुख कारक रहे हैं।


जब हम भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ की तुलना अन्य देशों से करते हैं, तो जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत, इंडोनेशिया की 5.2 प्रतिशत, अमेरिका की 2.1 प्रतिशत, जापान की 1.2 प्रतिशत, यूके की 1.2 प्रतिशत, फ्रांस की 0.7 प्रतिशत, मेक्सिको की 0 प्रतिशत और जर्मनी की -0.2 प्रतिशत रही। हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़े भी भारत के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।


आईएमएफ के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है, जिससे यह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच अपनी विकास दर को बनाए रखेगा। इसके विपरीत, इसी अवधि में चीन की विकास दर 4.8 प्रतिशत तक धीमी होने का अनुमान है। इकोनॉमिस्ट का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे समय में बढ़ रही है जब वैश्विक विकास धीमा बना हुआ है।


आईएमएफ की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा, "आईएमएफ के आंकड़े बेहद सकारात्मक और उत्साहजनक हैं।" उनका मानना है कि भारत की स्थिर वृद्धि का श्रेय बढ़ती घरेलू खपत, मैन्युफैक्चरिंग में सुधार और सर्विस सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन को दिया जा सकता है।