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भारत की अर्थव्यवस्था को विश्वसनीय साझेदार मानते हैं: पीयूष गोयल

भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। विश्व बैंक ने भी भारत की विकास दर में वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभर रहा है। गोयल ने सरकार के प्रयासों और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया।
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भारत की अर्थव्यवस्था को विश्वसनीय साझेदार मानते हैं: पीयूष गोयल

भारत बनेगा विकसित अर्थव्यवस्था


भारत की विकास यात्रा


भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति अपने विश्वास को व्यक्त करते हुए कहा कि भारत एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब कोई भी शक्ति भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकेगी। यह सब तकनीकी प्रगति, डिजिटल गतिविधियों की समझ और वैश्विक व्यापारिक साझेदारियों के विस्तार पर निर्भर करेगा।


अर्थव्यवस्था की दिशा सही है


गोयल ने बताया कि सरकार घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, बुनियादी ढांचे के विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि दुनिया भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखती है। भारत उच्च गुणवत्ता की प्रतिभा और सेवाओं की गारंटी देता है और समय पर डिलीवरी के लिए प्रतिबद्ध है।


2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य


गोयल ने कहा कि भारत 2047 तक 30 से 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने कहा कि यह संभव है और इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास और उपभोग आधारित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है।


विश्व बैंक का सकारात्मक अनुमान


भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार विकास कर रही है, भले ही अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और अन्य वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा हो। विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। उपभोक्ता खर्च में मजबूती के कारण भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालांकि, विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क अगले वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल सकते हैं।