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भारत की अर्थव्यवस्था: ब्रिटिश पीएम का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दावा

ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने भारत की अर्थव्यवस्था की प्रशंसा की है, यह कहते हुए कि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी चर्चा की, जो 2025 में आकार ले सकता है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। जानें इस महत्वपूर्ण आर्थिक विकास के बारे में और क्या संभावनाएँ हैं।
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भारत की अर्थव्यवस्था: ब्रिटिश पीएम का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दावा

ब्रिटिश पीएम ने भारत के साथ एफटीए को लाभकारी बताया


Business News Update: भारत की अर्थव्यवस्था विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही है, भले ही वैश्विक चुनौतियाँ मौजूद हों। भारत उन कुछ देशों में से एक है जो उच्च विकास दर बनाए रखे हुए हैं। इस विकास दर ने कई विशेषज्ञों को चौंका दिया है। प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने भारत की विकास दर के पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है। ब्रिटेन के पीएम ने भी भारत की अर्थव्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।


स्टार्मर का भारत-ब्रिटेन संबंधों पर बयान

भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर पिछले चार वर्षों से कार्य चल रहा है, जो 2025 में आकार ले सकता है। स्टार्मर ने संसद में कहा कि व्यापार और निवेश के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए विजन 2035 समझौते पर सहमति बनी है।


एफटीए पर वार्ता पिछले चार वर्षों में सुर्खियों में रही हैं। दोनों पक्ष इस समझौते के प्रति प्रतिबद्ध दिखे और जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान औपचारिक हस्ताक्षर किए गए। ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने मोदी से द्विपक्षीय चर्चा के बाद कहा कि हमने भारत के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है।


दीर्घकालिक सहयोग की संभावनाएँ

2025 में भारत-ब्रिटेन के लिए महत्वाकांक्षी 10 वर्षीय विजन 2035 रोडमैप को भी पेश किया जाएगा। यह दीर्घकालिक सहयोग और नवाचार के लिए रणनीतिक लक्ष्यों को निर्धारित करेगा। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा क्षेत्र की भारत में बढ़ती उपस्थिति नए वर्ष से फलित होगी, और नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालय भी भारत में अपने विदेशी परिसरों को स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।


ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य विभाग के विश्लेषण के अनुसार, व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता लागू होने पर द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 44.1 अरब पाउंड से बढ़कर कई अरब पाउंड तक पहुँच सकता है। उम्मीद है कि 2026 की पहली छमाही में इस समझौते को ब्रिटिश संसद की मंजूरी मिल जाएगी, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।