भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी: 2025 में 6.5% और 2026 में 6.7% वृद्धि का अनुमान

भारत की जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
नई दिल्ली: एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने बुधवार को जानकारी दी कि भारत की जीडीपी 2025 में 6.5 प्रतिशत और 2026 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। इसका मुख्य कारण घरेलू मांग में मजबूती और मौद्रिक नीति में नरमी है।
महंगाई के आंकड़े
एडीबी के अनुसार, इस वर्ष महंगाई दर 3.8 प्रतिशत और 2026 में 4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर है।
खाद्य मुद्रास्फीति का प्रभाव
बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि खाद्य मुद्रास्फीति में कमी ने मुख्य महंगाई को नियंत्रित करने में मदद की है। जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले 77 महीनों में सबसे कम है।
सीआईआई का अनुमान
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने हाल ही में कहा था कि इस वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.4-6.7 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है, जिससे देश की स्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में मजबूत होगी।
एशिया और प्रशांत क्षेत्र की स्थिति
हालांकि, एडीबी ने विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपने विकास पूर्वानुमानों को कम किया है। यह गिरावट उच्च अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के कारण हुई है।
एशियन डेवलपमेंट आउटलुक
एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) के अनुसार, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं इस वर्ष 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेंगी, जो अप्रैल में जारी अनुमान से 0.2 प्रतिशत अंक कम है। अगले वर्ष के लिए पूर्वानुमान भी घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
भविष्य की चुनौतियाँ
अमेरिकी टैरिफ और व्यापार तनाव में वृद्धि से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को और नुकसान पहुंच सकता है। अन्य जोखिमों में संघर्ष और भू-राजनीतिक तनाव शामिल हैं, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर सकते हैं।
चीन का विकास अनुमान
एडीबी ने चीन के लिए विकास अनुमान इस वर्ष 4.7 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.3 प्रतिशत पर बनाए रखा है।
दक्षिण-पूर्व एशिया की स्थिति
एडीबी का मानना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाएं बिगड़ती व्यापार स्थितियों और अनिश्चितता से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। इस उप-क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं इस वर्ष 4.2 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेंगी।