Newzfatafatlogo

भारत की जीडीपी वृद्धि दर में सुधार के संकेत, IMF ने बढ़ाए अनुमान

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 6.4% तक बढ़ा दिया है, जो वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत देता है। इस लेख में जानें कि कैसे भारत और अन्य देशों की आर्थिक वृद्धि दर में बदलाव आया है, और वैश्विक मुद्रास्फीति की स्थिति क्या है। IMF के नए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका, चीन और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति भी चर्चा का विषय है।
 | 
भारत की जीडीपी वृद्धि दर में सुधार के संकेत, IMF ने बढ़ाए अनुमान

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में सकारात्मक बदलाव

वैश्विक आर्थिक स्थिति में हल्का सुधार देखने को मिल रहा है, और इसी संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत सहित कई देशों की जीडीपी वृद्धि दर के पूर्वानुमान को संशोधित किया है। मंगलवार को जारी 'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट' में भारत की विकास दर को अगले दो वर्षों के लिए 6.4% बताया गया है, जो अप्रैल में दिए गए अनुमान से बेहतर है।


IMF ने भारत की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 2026 और 2027 के लिए 6.4% तक बढ़ा दिया है, जो पहले के अनुमान से थोड़ा अधिक है। यह बदलाव इस कारण से हुआ है कि वैश्विक आर्थिक माहौल अब अधिक स्थिर और सहयोगात्मक नजर आ रहा है। व्यापार और वित्तीय गतिविधियों में आई सकारात्मकता भारत की अर्थव्यवस्था को और गति देने में मदद कर सकती है।


वैश्विक वृद्धि दर में भी सुधार

वैश्विक वृद्धि दर में सुधार


IMF ने वैश्विक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों में भी वृद्धि की है। अब वर्ष 2025 के लिए वैश्विक वृद्धि दर 3% और 2026 के लिए 3.1% अनुमानित की गई है। इसके पीछे के प्रमुख कारणों में व्यापार पर संभावित टैरिफ से पहले की गई खरीदारी, अमेरिका में अपेक्षाकृत कम टैरिफ, और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाई गई विस्तारवादी वित्तीय नीतियाँ शामिल हैं।


अमेरिका, चीन और यूरोप के आंकड़े

अमेरिका, चीन और यूरोप के आंकड़े


अमेरिका के लिए अनुमानित वृद्धि दर 2025 में 1.9% और 2026 में 2% बताई गई है। चीन की अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है और 2025 की शुरुआत में ही 6% की वृद्धि दर हासिल की है, जो मुख्यतः उसके मजबूत निर्यात, सरकारी प्रोत्साहन और कमजोर युआन के कारण संभव हुआ है। यूरोजोन में निवेश आधारित विकास देखा गया है, लेकिन उपभोक्ता खर्च अभी भी कमजोर बना हुआ है।


मुद्रास्फीति, व्यापार और वित्तीय बाजार की स्थिति

मुद्रास्फीति, व्यापार और वित्तीय बाजार की स्थिति


वैश्विक मुद्रास्फीति में गिरावट देखी जा रही है, जो 2025 में 4.2% और 2026 में 3.6% तक आने की संभावना है। हालांकि, अमेरिका में टैरिफ के कारण लागत बढ़ने की आशंका के चलते महंगाई 2% के लक्ष्य से ऊपर रह सकती है, जबकि चीन और यूरोप में महंगाई अपेक्षाकृत कम रहने का अनुमान है। अमेरिका में टैरिफ पर अनिश्चितता अब भी बनी हुई है, क्योंकि अगस्त के बाद और सख्त शुल्क लगने की संभावना बनी हुई है। वित्तीय बाजार इस बदलते परिदृश्य के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं, जिससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं को कुछ राहत मिल सकती है।