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भारत के कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की कमी, केंद्रीय मंत्री की जानकारी

भारत का कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में 20.91 मिलियन टन कम हुआ है, जिससे 60,681.67 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में यह जानकारी दी। सरकार का ध्यान घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात को कम करने पर है। कोयला मंत्रालय ने 2029-30 तक 1.5 बिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, आधुनिक तकनीकों का उपयोग और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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भारत के कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की कमी, केंद्रीय मंत्री की जानकारी

कोयला आयात में कमी का विवरण

नई दिल्ली: भारत का कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में पिछले वर्ष की तुलना में 20.91 मिलियन टन घट गया है। इस कमी के चलते देश को 60,681.67 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। यह जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में साझा की।


आयात आंकड़े

राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2024-25 के दौरान भारत ने कुल 243.62 मिलियन टन कोयला आयात किया, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 264.53 मिलियन टन था।


घरेलू उत्पादन पर जोर

उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश कोयला आवश्यकताएं स्वदेशी उत्पादन से पूरी होती हैं। कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2029-30 तक लगभग 1.5 बिलियन टन का घरेलू उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार का ध्यान घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और गैर-जरूरी आयात को कम करने पर है।


इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास

कोयला मंत्रालय ने 2029-30 तक उत्पादन में वृद्धि के लिए फरवरी 2024 में कोयला रसद योजना और नीति की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य देश में कोयला खनन को आसान बनाना है।


सरकारी प्रयास

आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन को सरल बनाया है और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, कोयला खनन परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित किया गया है।


आधुनिक तकनीकों का उपयोग

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकारी कोयला कंपनियों द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) और डिजिटलीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाया जा रहा है।


आईएमसी का गठन

घरेलू कोयले की खपत को बढ़ावा देने और विदेशी आयात के स्थान पर घरेलू कोयले का उपयोग करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। इस समिति ने विभिन्न बैठकों के माध्यम से उन आयातित कोयला आधारित (आईसीबी) प्लांट्स की पहचान की है जहां घरेलू कोयले की आपूर्ति की जा सकती है।