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भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अमेरिकी शुल्कों में कमी की उम्मीद जताई

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका जल्द ही भारतीय उत्पादों पर लगाए गए दंडात्मक शुल्कों को वापस ले सकता है। उन्होंने कहा कि पारस्परिक शुल्कों में भी कमी की संभावना है, जिससे निर्यातकों को राहत मिलेगी। नागेश्वरन का मानना है कि अगले कुछ महीनों में इस मुद्दे का समाधान निकल सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका की घरेलू राजनीति इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
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भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अमेरिकी शुल्कों में कमी की उम्मीद जताई

अमेरिकी शुल्कों में राहत की संभावना

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आशा व्यक्त की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका जल्द ही भारतीय उत्पादों पर लगाए गए दंडात्मक शुल्कों को समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में पारस्परिक शुल्कों में भी कमी की संभावना है, जिससे उच्च शुल्कों से प्रभावित निर्यातकों को राहत मिल सकती है। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, नागेश्वरन ने बताया कि अगस्त में वाशिंगटन द्वारा लगाए गए 25% दंडात्मक शुल्क नवंबर के अंत तक वापस लिए जा सकते हैं। उनका मानना है कि 30 नवंबर के बाद ये शुल्क लागू नहीं रहेंगे। यह बयान किसी ठोस सबूत पर आधारित नहीं है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इस पर कोई समाधान निकल आएगा।


पारस्परिक शुल्कों में कमी की संभावना

सीईए ने यह भी संकेत दिया कि वर्तमान में 25% के पारस्परिक शुल्क को घटाकर 10-15% किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समग्र टैरिफ विवाद अगले 8-10 हफ्तों में सुलझ सकता है, हालांकि यह उनका व्यक्तिगत आकलन है और किसी औपचारिक आश्वासन पर आधारित नहीं है। यह टिप्पणी भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार, वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच से नई दिल्ली में हुई मुलाकात के कुछ दिनों बाद आई है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा पिछले महीने भारतीय निर्यात पर भारी अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा के बाद से यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी।


भारतीय उत्पादों पर शुल्क का प्रभाव

दोहरी-स्तरीय टैरिफ व्यवस्था के कारण कुछ भारतीय उत्पादों पर 50% तक का शुल्क लगाया गया है, जिससे कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और कुछ खाद्य उत्पादों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के निर्यातकों का मार्जिन कम हो रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि शुल्क में आंशिक कमी से लागत का दबाव कम हो सकता है और द्विपक्षीय व्यापार में विश्वसनीयता बहाल हो सकती है। हालांकि नई दिल्ली बातचीत के माध्यम से समाधान की कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकारी मानते हैं कि अमेरिका की घरेलू राजनीतिक गणनाएँ भी नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं। नागेश्वरन ने सुझाव दिया कि सरकार आशान्वित है, लेकिन वह कई परिदृश्यों के लिए तैयारी कर रही है।