भारत के लिए ग्रीन कार्ड लॉटरी में शामिल नहीं होने का अपडेट

ग्रीन कार्ड लॉटरी का हालिया अपडेट
ग्रीन कार्ड लॉटरी: अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी नवंबर वीजा बुलेटिन के अनुसार, भारत को डायवर्सिटी वीजा लॉटरी 2026 के लिए बाहर रखा गया है। इसका अर्थ है कि इस वर्ष भारतीय नागरिक ग्रीन कार्ड लॉटरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। इस सूची में पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी शामिल नहीं किया गया है।
डायवर्सिटी वीजा कार्यक्रम की जानकारी
डायवर्सिटी वीजा (DV) कार्यक्रम अमेरिकी सरकार का एक वार्षिक इमिग्रेशन कार्यक्रम है, जिसके तहत हर साल 55,000 व्यक्तियों को अमेरिका में बसने का अवसर प्रदान किया जाता है। यह वीजा केवल उन देशों के नागरिकों को दिया जाता है, जिनसे अमेरिका में इमिग्रेशन की दर बहुत कम है। चूंकि भारत से पहले से ही बड़ी संख्या में लोग विभिन्न वीजा श्रेणियों में अमेरिका में निवास कर चुके हैं, इसलिए भारत इस कार्यक्रम के लिए 'अयोग्य' देशों की सूची में शामिल है।
इस वर्ष शामिल देशों की सूची
इस बार अफगानिस्तान, बहरीन, भूटान, बर्मा, कंबोडिया, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, इजराइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, लाओस, लेबनान, मलेशिया, नेपाल, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका, सीरिया, ताइवान, थाईलैंड, तिमोर-लेस्ते, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जैसे देशों को इस सूची में शामिल किया गया है। इन देशों से अमेरिका में अपेक्षाकृत कम आप्रवासन हुआ है, इसलिए इन्हें डायवर्सिटी वीजा का अवसर मिल रहा है।
नवंबर में जारी अमेरिकी वीजा बुलेटिन
नवंबर में जारी अमेरिकी वीजा बुलेटिन के अनुसार, लगभग 1,29,516 चयनित आवेदक और उनके परिवारजन इस वर्ष ग्रीन कार्ड प्रक्रिया के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। इन चयनित आवेदकों में से अंततः 55,000 लोगों को वीजा जारी किया जाएगा। दूसरी ओर, अमेरिका में इमिग्रेशन से संबंधित नीतियों में कई बदलाव हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान H-1B वीजा नीति को और कड़ा किया गया था, और अब अमेरिकी कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को रखने पर एकमुश्त 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की फीस निर्धारित की गई है।
H-1B वीजा की बढ़ती फीस
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लूटनिक ने संकेत दिया है कि फरवरी 2026 से पहले H-1B प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए जाएंगे। लूटनिक ने कहा कि इतनी ऊंची फीस से 'अनावश्यक भीड़' कम होगी और अधिक सुविचारित बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा, 'H-1B वीजा एक लॉटरी की तरह है, और स्किल्ड वर्कर्स के लिए यह तरीका अजीब है।' भारत दुनिया में H-1B वीजा धारकों का सबसे बड़ा स्रोत है, जो कुल आवेदकों का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है।