भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण क्या है?

तीन सप्ताह की वृद्धि के बाद गिरावट
पिछले सप्ताह में 39.6 करोड़ डॉलर की कमी आई
हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली का सामना करना पड़ा है। इस बिकवाली के पीछे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को मुख्य कारण माना जा रहा है। इस गिरावट का असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा है, जो पिछले तीन सप्ताह की वृद्धि के बाद 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर रह गया।
विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां, 86.4 करोड़ डॉलर घटकर 586.15 अरब डॉलर हो गई हैं। इन आस्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव होता है। दूसरी ओर, भारत का स्वर्ण भंडार 36 करोड़ डॉलर बढ़कर 92.779 अरब डॉलर हो गया है।
पिछले सप्ताह की वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 4.7 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब भंडार में वृद्धि हो रही है। इससे पहले, 5 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भी भंडार में 4.03 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।
सितंबर 2024 में उच्चतम स्तर
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 12 सितंबर 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.698 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। इससे पहले भी, एक सप्ताह पहले 4.038 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी, जिससे भंडार 702.966 अरब डॉलर हो गया। उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर 2024 को भंडार 704.885 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंचा था।
पिछले दो सप्ताह की वृद्धि
पिछले सप्ताह आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई थी। 5 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.038 अरब डॉलर बढ़कर 698.268 अरब डॉलर हो गया था। इससे पहले के सप्ताह में भी भंडार 3.51 अरब डॉलर बढ़कर 694.23 अरब डॉलर हो गया था।
5 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 540 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 584.477 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं। इन आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।