भारत के व्यापार मंत्री ने एकतरफा समझौतों पर जताई चिंता

व्यापार समझौतों में संतुलन की आवश्यकता
हर व्यापार समझौते में निष्पक्षता और संतुलन जरूरी
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने स्पष्ट किया है कि देश कभी भी किसी के दबाव में आकर अपने नागरिकों के हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने आगामी व्यापार समझौतों के संदर्भ में कहा कि भारत एकतरफा समझौते नहीं करेगा। मंत्री ने कहा कि हर व्यापार समझौते में निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, और हम इस दिशा में प्रयासरत हैं।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा करते हुए, मंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। गोयल ने कहा कि यह समझौता एकतरफा नहीं हो सकता और बातचीत में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लेन-देन आवश्यक है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच वार्ता
दोनों के बीच 13वें दौर की वार्ता जारी
भारत और यूरोपीय संघ इस समझौते के लिए 13वें दौर की बातचीत (8-12 सितंबर) में लगे हुए हैं। यूरोपीय आयोग के व्यापार आयुक्त मारोस सेफ्कोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हैनसेन गोयल के साथ बातचीत की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। दोनों पक्ष दिसंबर तक बातचीत को समाप्त करने का लक्ष्य रख रहे हैं। मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आदर्श समझौते की संभावना को तलाशते हुए किसी को दुश्मन न बनने दिया जाए। गोयल ने कहा कि बातचीत की दिशा सकारात्मक है।
व्यापार समझौतों का महत्व
इसलिए जरूरी हैं व्यापार समझौते
गोयल ने कहा कि ऐसी साझेदारियां लागत को कम करने, उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने और भारत को उच्च गुणवत्ता वाले ऑटोमोटिव घटक विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेंगी। उन्होंने भारत की आकांक्षा का भी उल्लेख किया कि वह प्रति हजार व्यक्तियों पर 34 कारों की संख्या को बढ़ाकर उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है, जिससे ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए वैश्विक स्तर पर विस्तार के अवसर पैदा होंगे।