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भारत को अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से मिल रहा लाभ

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध ने भारत के लिए सकारात्मक परिणाम दिए हैं। मई 2025 में भारत का निर्यात बढ़कर 71.12 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका के साथ व्यापार में वृद्धि की है। जानें इस व्यापार युद्ध के प्रभाव और भारत के निर्यात में आई वृद्धि के बारे में।
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भारत का व्यापार बढ़ा

भारत के लिए अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। मई 2025 में भारत के व्यापार में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिले हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, मई में भारत का कुल निर्यात 71.12 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.77 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल मई में यह आंकड़ा 69.20 अरब डॉलर था। इस वृद्धि के साथ व्यापार घाटा भी घटकर 6.62 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह 9.35 अरब डॉलर था।


अमेरिका के साथ निर्यात के मामले में, भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। मई 2025 में अमेरिका को चीन के निर्यात में 34.5 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि भारत के निर्यात में 17.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर चीन के निर्यात में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 316.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।


चीन ने अमेरिका के साथ निर्यात में गिरावट की भरपाई के लिए अन्य देशों के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने का प्रयास किया है। यूरोपीय संघ, आसियान और भारत के साथ निर्यात में वृद्धि हुई है, जिसमें भारत को निर्यात 12.4 प्रतिशत बढ़कर 11.13 बिलियन डॉलर हो गया है। इससे डंपिंग का खतरा भी बढ़ गया है, जिसका अर्थ है कि कोई देश अपने उत्पादों को दूसरे देश को कम कीमत पर बेचता है।


अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में टैरिफ का मुद्दा महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिसके जवाब में चीन ने भी अपने टैरिफ में वृद्धि की है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव और बढ़ गया है।