भारत को मिलेगा लाभ, अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद का असर

विशेषज्ञों की राय: अमेरिका में चीनी सामान की सप्लाई घटेगी
विशेषज्ञों ने माना, एक नवंबर के बाद अमेरिका में कम होगी चीनी सामान की सप्लाई
बिजनेस डेस्क : अमेरिका ने एक नवंबर से चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि इस बार कोई रियायत नहीं दी जाएगी। चीन, जो एक मजबूत और विकसित अर्थव्यवस्था है, अमेरिका पर निर्भर नहीं है। इसलिए, वह अमेरिकी दबाव के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है। इससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलने की संभावना है.
अमेरिका-चीन विवाद पर विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण चीनी सामान की मांग में कमी आएगी, जिससे भारत को लाभ होगा। भारत ने 2024-25 में अमेरिका को 86 अरब डॉलर का निर्यात किया था। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के अध्यक्ष एस सी रालहान ने कहा कि इस व्यापार युद्ध से भारत को फायदा हो सकता है।
भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार अमेरिका
थिंक टैंक जीटीआरआई के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव से वैश्विक बाजारों में ईवी, पवन टर्बाइनों और सेमीकंडक्टर के दाम बढ़ेंगे। अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, जूते, सफेद सामान और सौर पैनलों के लिए चीन पर निर्भर है। 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर का था।
एक नवंबर से चीन पर लगने वाला टैरिफ
अमेरिका ने 1 नवंबर, 2025 से चीनी सामानों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल टैरिफ दर लगभग 130% हो जाएगी। यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात पर नए नियंत्रण लगाने के जवाब में उठाया गया है। वर्तमान में, अमेरिका भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाता है, जो चीन के 30% टैरिफ से अधिक है।