भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना का दिया जवाब
भारत सरकार ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा की गई आलोचना का सख्त जवाब दिया है, जिसमें रूस से तेल आयात के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह आयात वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण आवश्यक हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह यूक्रेन युद्ध की अनदेखी कर रहा है और रूसी तेल से मुनाफा कमा रहा है। इस विवाद में भारत की स्थिति और अमेरिका की प्रतिक्रिया पर विस्तृत जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।
Aug 4, 2025, 23:22 IST
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भारत सरकार का कड़ा रुख
भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा की गई आलोचना का सख्त जवाब दिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन युद्ध के आरंभ के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण भारत को निशाना बनाया गया है। जब से यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ, पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई, जिससे भारत ने रूस से तेल खरीदने का निर्णय लिया। भारत का यह कदम उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा की लागत को स्थिर और किफायती बनाए रखने के उद्देश्य से है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस से कच्चे तेल का आयात एक आवश्यकता बन गई है, जो वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण अनिवार्य हो गया है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। अमेरिका अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम और उर्वरकों का आयात जारी रखे हुए है। भारत को निशाना बनाना न केवल अनुचित है, बल्कि अविवेकपूर्ण भी है।
ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में उल्लेखनीय वृद्धि करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने भारत की ओर से रूसी तेल की निरंतर खरीद और वैश्विक बाजार में उसे फिर से बेचने का हवाला दिया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भारत यूक्रेन में चल रहे युद्ध की अनदेखी कर रहा है और रूसी कच्चे तेल की कीमतों में भारी छूट से बड़ा मुनाफ़ा कमा रहा है। उन्होंने लिखा कि भारत न केवल बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि उसे खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस कारण से, वह भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ़ में काफी वृद्धि करेंगे।