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भारत ने ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए तैयार किया रणनीतिक प्लान

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए एक रणनीतिक योजना बनाई है। इस योजना के तहत, भारत नए बाजारों की खोज कर रहा है और जीएसटी में सुधार कर रहा है, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के निर्यात को बढ़ाने में मदद करेगा। जानें इस योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में और कैसे भारत अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकता है।
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भारत ने ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए तैयार किया रणनीतिक प्लान

ट्रंप टैरिफ का प्रभाव और भारत की तैयारी

ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ के चलते निर्यातक देशों में हलचल मची हुई है, लेकिन भारत ने इस स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही कदम उठाए हैं। पिछले दो महीनों से ट्रंप की चेतावनियों के बीच, भारत ने नए बाजारों की खोज शुरू कर दी थी। अब, यह टैरिफ 50% तक पहुंच गया है और लागू हो चुका है।


नए बाजारों की खोज और जीएसटी में बदलाव

भारत ऐसे बाजारों की तलाश कर रहा है, जहां अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव न पड़े। इससे अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। हाल ही में जीएसटी में किए गए बदलावों से घरेलू बाजार में माल की खपत बढ़ने की उम्मीद है। इससे सस्ती वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे मांग में वृद्धि होगी। पूर्व में PHDCCI के मुख्य अर्थशास्त्री एसपी शर्मा के अनुसार, यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी सुधारों की घोषणा की।


अमेरिकी बाजार में नुकसान की भरपाई के उपाय

एसपी शर्मा के अनुसार, जीएसटी को सरल बनाने से निर्यातकों को लाभ होगा, क्योंकि इससे उनकी लागत और बिक्री मूल्य में कमी आएगी। इससे घरेलू मांग में वृद्धि की उम्मीद है, जो उद्योग को सहारा देगी। उन्होंने बताया कि इससे निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो जाएगी। भारत के पास अन्य बाजार भी हैं, जहां निर्यात का मूल्य अमेरिका के समान है।


भारत की नजर नए बाजारों पर

अर्थशास्त्री एसपी शर्मा के अनुसार, भारत को नए बाजारों में विस्तार करने की आवश्यकता है, जो दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा। वर्तमान में, भारत अमेरिका को 86 अरब डॉलर का निर्यात करता है, जबकि नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, ब्राजील, मैक्सिको, और इटली जैसे देशों को निर्यात बढ़ रहा है। भारत ब्रिटेन और फ्रांस जैसे नए बाजारों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।


अन्य बाजारों में निर्यात में वृद्धि

हालांकि ट्रंप का टैरिफ नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी है। भारत ने अन्य देशों के बाजारों में निर्यात बढ़ाया है, जहां प्रतिवर्ष निर्यात 20% से अधिक है। अमेरिका को निर्यात में 15% की वृद्धि हो रही है।


टैरिफ का निर्यात पर प्रभाव

IIT मद्रास के पूर्व छात्र और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ गणपति रामचंद्रन ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, लेकिन भारत के लिए बाजार बहुत बड़ा है। आंकड़ों के अनुसार, 7 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा, जो देश के जीडीपी का केवल 0.3 प्रतिशत है। यही कारण है कि सरकार इस टैरिफ का इतना बोझ नहीं उठा रही है।


SCO बैठक में टैरिफ का मुद्दा

एक पूर्व नौकरशाह ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत की जनसंख्या और घरेलू खपत इसे झुकने नहीं देगी। अगस्त के अंत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है, जिसमें रूस के व्लादिमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग भी शामिल होंगे।