भारत ने नए बाजारों की खोज में अमेरिका के दबाव का सामना किया

ब्रिटेन ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए खोले नए बाजार
ब्रिटेन के साथ व्यापारिक संबंधों में वृद्धि की संभावना
भारत पर अमेरिकी दबाव को कम करने के लिए, अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। इस कदम से भारत के कपड़ा उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, भारत ने इस चुनौती का सामना करते हुए नए बाजारों की खोज शुरू कर दी है, जिससे अमेरिका को एक ठोस जवाब दिया जा सके। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के माध्यम से, ब्रिटेन को निर्यात में वृद्धि से इस नुकसान की भरपाई की जा सकती है।
यूरोपीय संघ के साथ महत्वपूर्ण समझौता
रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ के साथ चल रही एफटीए वार्ताएं भारतीय टेक्सटाइल व्यापार के लिए नए अवसर प्रदान कर सकती हैं। भारत-यूके एफटीए विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट्स और होम टेक्सटाइल सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह भारत को ब्रिटेन के लगभग 23 बिलियन डॉलर के आयात बाजार में बांग्लादेश और वियतनाम के समकक्ष प्रतिस्पर्धा करने का मौका देगा। अमेरिकी टैरिफ के कारण, भारत के टेक्सटाइल निर्यात में 2026 तक 9-10% की कमी आने की संभावना है।
भारतीय शेयर बाजार में तेजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान और चीन के सफल दौरे का सकारात्मक प्रभाव सोमवार को शेयर बाजार में देखने को मिला। तीन दिन की गिरावट के बाद, बीएसई सेंसेक्स में लगभग 555 अंक की वृद्धि हुई। निफ्टी में भी करीब 200 अंक की तेजी आई। सोमवार को कारोबार समाप्त होने पर, बीएसई सेंसेक्स 554.84 अंक या 0.70 प्रतिशत बढ़कर 80,364.49 अंक पर बंद हुआ।