भारत ने नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन पर जताई चिंता

भारत सरकार की प्रतिक्रिया
नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर भारत सरकार ने मंगलवार को अपनी स्थिति स्पष्ट की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में एक आधिकारिक बयान जारी किया।
विदेश मंत्रालय की संवेदनाएं
विदेश मंत्रालय ने नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा वर्ग के विरोध के दौरान पुलिस के व्यवहार पर खेद व्यक्त किया। मंत्रालय ने कहा कि इस दौरान कई युवा घायल हुए और कुछ ने अपनी जान गंवाई।
मृतकों के प्रति संवेदना
विदेश मंत्रालय ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। साथ ही, उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की।
स्थिति पर नजर
मंत्रालय ने आगे कहा कि नेपाल के पड़ोसी देश के रूप में, हम स्थिति पर ध्यान बनाए रखेंगे। हमें उम्मीद है कि नेपाल में हालात जल्द सामान्य होंगे और किसी भी मतभेद का समाधान संवाद के माध्यम से किया जाएगा।
भारतीय नागरिकों के लिए सलाह
नेपाल में रह रहे भारतीयों को वहां के अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
कर्फ्यू की जानकारी
मंत्रालय ने बताया कि नेपाल के कई शहरों में मौजूदा स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लागू किया गया है।
सोशल मीडिया प्रतिबंध का विरोध
नेपाल सरकार ने चार सितंबर को सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके खिलाफ युवाओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए। पुलिस ने इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें कई युवाओं की जान चली गई और अन्य घायल हुए।
मंत्रियों के इस्तीफे
इस बीच, मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के एक और मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। कृषि और पशुपालन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी ने हिंसा के कारण देश की स्थिति को देखते हुए अपने पद से हटने का निर्णय लिया।
गृह मंत्री का इस्तीफा
इससे पहले, नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था।