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भारत ने यूएन में यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए कूटनीति और बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि बेकसूर लोगों की मौतें अस्वीकार्य हैं और केवल वार्ता से ही इस संघर्ष का समाधान संभव है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर विभिन्न नेताओं के साथ संपर्क बनाए रखा है। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर और क्या कहा गया है।
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भारत ने यूएन में यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया

भारत का कूटनीतिक दृष्टिकोण


न्यूयॉर्क: भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'यह युद्ध का युग नहीं' के सिद्धांत को दोहराते हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने महासभा में कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है और दोनों देशों के बीच युद्ध समाप्त करने तथा क्षेत्र में शांति स्थापित करने का समर्थन करता है।


बेकसूर लोगों की मौतें अस्वीकार्य

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही यूक्रेन में युद्ध को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि बेकसूर लोगों की मौतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता और युद्ध से इसका समाधान नहीं हो सकता। भले ही कूटनीति और वार्ता में चुनौतियाँ हों, लेकिन यही समस्या का समाधान है।


पीएम मोदी का कूटनीतिक प्रयास

पार्वथानेनी हरीश ने बताया कि पीएम मोदी यूक्रेन के हालात पर राष्ट्रपति जेलेंस्की, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूरोपीय नेताओं के साथ संपर्क में हैं। ये कूटनीतिक प्रयास यूक्रेन के युद्ध को समाप्त करने में सहायक होंगे और वहां स्थायी शांति की संभावनाओं को बढ़ाएंगे।


वैश्विक दक्षिण पर प्रभाव

भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि यह दुखद है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिणाम विश्वभर में, विशेषकर वैश्विक दक्षिण के देशों को प्रभावित कर रहे हैं। इन परिणामों में ईंधन की बढ़ती कीमतें भी शामिल हैं।