भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे चार यूरोपीय देश

भारत और यूरोप के चार देशों के बीच व्यापार समझौता
एक अक्टूबर से लागू हुआ व्यापार समझौता
भारत ने हाल के समय में अपनी वैश्विक व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे वह कुछ देशों पर निर्भरता कम कर रहा है और अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित कर रहा है। इस दिशा में, भारत और स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन के बीच एक व्यापार समझौता एक अक्टूबर से प्रभावी हो गया है।
15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश
ईएफटीए में शामिल चार देशों ने भारत में अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश करने का निर्णय लिया है। इस समझौते के तहत, भारत से निर्यात होने वाले 92.2 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क में कमी की जाएगी। यह निवेश तकनीकी, विनिर्माण, टेक्सटाइल, चमड़ा और खाद्य उत्पादों के क्षेत्रों में केंद्रित होगा। स्विट्जरलैंड की स्टेट सेक्रेटरी फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स, हेलेन बुडलीगर ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा देगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
समझौता तनावपूर्ण समय में लागू
यह समझौता उस समय लागू हुआ है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तनाव में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत पर रूस से तेल आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इस बीच, ईएफटीए और भारत के बीच यह समझौता नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है।
भारत की आर्थिक क्षमता पर विश्वास
स्विस अधिकारी बुडलीगर ने भारत की आर्थिक विकास क्षमता पर भरोसा जताया है। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के 30-30-30 फॉर्मूले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि भारत अगले 30 वर्षों में 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा। इस क्षमता को देखकर यूरोपीय निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ है।