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भारत में नकद जमा सीमा: ₹10 लाख से अधिक जमा करने पर आयकर नोटिस

भारत में नकद जमा सीमा के नए नियमों के अनुसार, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में ₹10 लाख से अधिक की राशि जमा करते हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस में आपको यह बताना होगा कि यह राशि कहां से आई है और क्या आपने उस पर कर का भुगतान किया है। जानें कि कैसे आप इन नियमों का पालन कर सकते हैं और संभावित कानूनी समस्याओं से बच सकते हैं।
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भारत में नकद जमा सीमा: ₹10 लाख से अधिक जमा करने पर आयकर नोटिस

नकद जमा सीमा और आयकर नोटिस

भारत में नकद जमा सीमा: यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बैंक के बचत खाते में ₹10 लाख से अधिक की राशि जमा करते हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस के माध्यम से विभाग आपसे पूछेगा कि इतनी बड़ी राशि का स्रोत क्या है और क्या आपने उस पर कर का भुगतान किया है।


इसका मतलब यह नहीं है कि आप नकद जमा नहीं कर सकते, लेकिन आपको इसके स्रोत का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। यदि आपके पास रसीदें, लेन-देन का विवरण, या आय का स्पष्ट स्रोत है, तो कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन यदि आप समय पर उत्तर नहीं देते हैं, तो आपका बैंक खाता फ्रीज़ किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।


एक दिन में कितनी राशि जमा की जा सकती है?


यदि आप एक दिन में ₹1 लाख से अधिक नकद जमा करते हैं, तो आयकर विभाग की नजर आप पर पड़ सकती है। हालांकि एक वित्तीय वर्ष में कुल सीमा ₹10 लाख है, लेकिन बार-बार एक दिन में बड़ी राशि जमा करने से सवाल उठता है।


इसलिए, यह आवश्यक है कि आप छोटे-छोटे लेन-देन करें और हर एक का ट्रैक रखें। अपने पैसे के स्रोत का प्रमाण रखें—जैसे कि सैलरी स्लिप, उपहार पत्र, या ऋण भुगतान की रसीदें। और यदि आपकी जमा राशि कर योग्य आय की श्रेणी में आती है, तो उसे समय पर रिटर्न में दाखिल करें।


इन नियमों का उद्देश्य और संभावित सजा


आयकर विभाग ने काले धन और कर चोरी पर नियंत्रण लगाने के लिए ये नियम लागू किए हैं। यदि कोई व्यक्ति बड़ी राशि जमा करता है और आय का स्रोत छिपाता है, तो वह जांच के दायरे में आता है। ऐसे मामलों में विभाग नोटिस भेजता है और उत्तर मांगता है।


यदि कोई व्यक्ति नोटिस का सही उत्तर नहीं दे पाता या सबूत नहीं दे पाता, तो उसका खाता फ्रीज़ किया जा सकता है और उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। इसलिए हर नकद लेन-देन में सावधानी बरतना और नियमों का पालन करना बेहतर है।